बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण अभियान के तहत, चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि 1 अगस्त, 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इस सूची में यदि किसी का नाम छूट गया हो या गलत तरीके से शामिल हो गया हो, तो राजनीतिक दल और जागरूक मतदाता आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। आयोग ने बताया कि प्रारूप सूची जारी होने के तुरंत बाद, बिहार के सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को इसकी मुद्रित और डिजिटल प्रतियां प्रदान की जाएंगी। साथ ही, यह सूची आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर भी अपलोड की जाएगी, ताकि आम लोग इसे देख सकें और आवश्यक कार्रवाई कर सकें। आपत्तियों को संबंधित विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन पंजीयन अधिकारी (ईआरओ) या सहायक निर्वाचन पंजीयन अधिकारी (एईआरओ) के पास दर्ज कराया जा सकता है। यदि वहां संतुष्टि न मिले, तो जिला निर्वाचन अधिकारी या राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से संपर्क किया जा सकता है।
पुनरीक्षण अभियान: अब तक की प्रगति
चुनाव आयोग के अनुसार, 24 जुलाई तक बिहार के 99 प्रतिशत मतदाताओं तक पहुंचने का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। इस अभियान के तहत बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) और बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) ने घर-घर जाकर मतदाता सूची की जांच की है। अब तक 21.6 लाख मृत मतदाताओं के नाम चिह्नित किए गए हैं, जबकि 31.5 लाख मतदाता स्थायी रूप से स्थानांतरित पाए गए हैं। इसके अलावा, सात लाख मतदाताओं के नाम एक से अधिक जगहों पर दर्ज पाए गए हैं, और एक लाख मतदाताओं का कोई पता नहीं चल सका है। गणना फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई, 2025 थी, लेकिन अभी भी करीब सात लाख मतदाताओं के फॉर्म वापस नहीं मिले हैं।
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वोटरों की शिकायतें और समस्याएं
पटना में कुछ मतदाताओं ने शिकायत की है कि उनके द्वारा जमा किए गए गणना फॉर्म के बावजूद, उनकी जानकारी गलत तरीके से दर्ज की गई है। उदाहरण के लिए, बांकीपुर विधानसभा के बूथ नंबर 305 के दो मतदाताओं ने बताया कि उन्होंने बीएलओ को फॉर्म जमा किया था, लेकिन एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता ने उन्हें सूचित किया कि उनका नाम उन लोगों की सूची में है, जिन्होंने फॉर्म जमा नहीं किया। इन मतदाताओं ने बीएलओ से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन बीएलओ ने फोन नहीं उठाया। ऐसे में सवाल उठता है कि उनके फॉर्म का क्या हुआ और यह कहां गुम हो गया।
राजनीतिक दलों को सौंपी गई सूची
चुनाव आयोग ने बताया कि 20 जुलाई को सभी जिलों में राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को मतदाता सूची से संबंधित जानकारी उपलब्ध करा दी गई थी। इसके अलावा, 7.21 करोड़ मतदाताओं के गणना फॉर्म डिजिटल रूप से अपलोड किए जा चुके हैं। वर्तमान में बिहार में 7.90 करोड़ मतदाता सूची में दर्ज हैं। आयोग का यह अभियान मतदाता सूची को और अधिक पारदर्शी और सटीक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आगे की प्रक्रिया
1 अगस्त को प्रारूप मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद, मतदाताओं और राजनीतिक दलों को आपत्तियां दर्ज करने का पूरा मौका दिया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न रहे, आयोग ने सभी पक्षों से सक्रिय भागीदारी की अपील की है। मतदाता अपनी जानकारी की जांच वेबसाइट पर कर सकते हैं और किसी भी त्रुटि को सुधारने के लिए तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं।
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