केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत भारतीय रेलवे स्टेशनों को नया स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य न केवल रेलवे स्टेशनों को आधुनिक और सुविधाजनक बनाना है, बल्कि स्थानीय संस्कृति और कला को भी प्रदर्शित करना है। इस दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 मई, 2025 को उत्तर प्रदेश के 19 रेलवे स्टेशनों का ऑनलाइन उद्घाटन करेंगे। इन स्टेशनों को 190 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुनर्विकसित किया गया है। दो साल से भी कम समय में देशभर में 103 स्टेशनों का कायाकल्प पूरा हो चुका है, जो इस योजना की गति और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उत्तर प्रदेश के 19 स्टेशनों का नया स्वरूप
उत्तर प्रदेश के जिन 19 स्टेशनों को इस योजना के तहत पुनर्विकसित किया गया है, वे हैं: बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, स्वामी नारायण छपिया, मैलानी, गोला गोकर्णनाथ, रामघाट हाल्ट, इज्जतनगर, बरेली सिटी, उझानी, हाथरस सिटी, सुरेमनपुर, बिजनौर, सहारनपुर, फतेहाबाद, गोवर्धन, ईदगाह आगरा जंक्शन, पोखरायां, गोविंदपुरी। इन स्टेशनों को न केवल आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है, बल्कि स्थानीय कला और संस्कृति को भी प्रमुखता दी गई है, ताकि यात्रियों को एक अनूठा अनुभव प्राप्त हो।
आधुनिक सुविधाओं का समावेश
इन स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा के लिए कई आधुनिक सुविधाएं जोड़ी गई हैं। बड़े और भव्य प्रवेश द्वार स्टेशनों की शोभा बढ़ाते हैं, जबकि हाई मास्ट लाइटिंग से रात में भी स्टेशन परिसर उज्ज्वल रहता है। आधुनिक प्रतीक्षालय, टिकट काउंटर, स्वच्छ और सुसज्जित शौचालय, दिव्यांगजनों के लिए रैंप और लिफ्ट जैसी सुविधाएं यात्रियों के लिए विशेष ध्यान रखकर बनाई गई हैं। इसके अलावा, प्लेटफॉर्म पर शेल्टर, कोच इंडिकेशन सिस्टम और सूचना प्रदर्शन के लिए डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए हैं। ये सभी सुविधाएं यात्रियों को सुरक्षित, सुविधाजनक और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करती हैं।
स्थानीय संस्कृति की अनूठी झलक
अमृत भारत स्टेशन योजना की खासियत यह है कि प्रत्येक स्टेशन को उस क्षेत्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान के अनुरूप डिजाइन किया गया है। उदाहरण के लिए, सिद्धार्थनगर रेलवे स्टेशन को बौद्ध संस्कृति के थीम पर विकसित किया गया है। यह स्टेशन लुम्बिनी के निकट होने के कारण विशेष महत्व रखता है। स्टेशन पर एक भव्य पोर्च बनाया गया है, जो इसकी सुंदरता को और बढ़ाता है। साथ ही, महात्मा बुद्ध की मूर्ति स्थापित की गई है, जो इस क्षेत्र की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है।
इसी तरह, गोला गोकर्णनाथ स्टेशन को भी स्थानीय संस्कृति और आधुनिक डिजाइन के अनुरूप बनाया गया है। स्टेशन का डिजाइन इस तरह तैयार किया गया है कि यह न केवल यात्रियों की जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर करता है। प्रत्येक स्टेशन पर स्थानीय कला, शिल्प और परंपराओं को दीवारों, सजावट और संरचनाओं के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।

कारोबार और पर्यटन को बढ़ावा
अमृत भारत स्टेशन योजना न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और कारोबार को भी बढ़ावा दे रही है। इन स्टेशनों के पुनर्विकास से स्थानीय दुकानदारों, छोटे व्यवसायियों और पर्यटन से जुड़े उद्यमों को नया अवसर मिलेगा। बेहतर कनेक्टिविटी और आधुनिक सुविधाओं के कारण अधिक यात्री इन स्टेशनों का उपयोग करेंगे, जिससे स्थानीय बाजारों में व्यापार बढ़ेगा। साथ ही, सांस्कृतिक थीम पर आधारित स्टेशन पर्यटकों को आकर्षित करेंगे, जो क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को जानने के इच्छुक हैं।
भविष्य की ओर एक कदम
अमृत भारत स्टेशन योजना भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उत्तर प्रदेश के इन 19 स्टेशनों का उद्घाटन इस बात का प्रमाण है कि सरकार न केवल बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान दे रही है, बल्कि स्थानीय संस्कृति को भी बढ़ावा दे रही है। यह योजना न केवल रेल यात्रियों के लिए एक बेहतर अनुभव सुनिश्चित करती है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता को विश्व पटल पर प्रदर्शित करने का भी एक शानदार प्रयास है।
आगामी 22 मई को होने वाला उद्घाटन समारोह उत्तर प्रदेश के इन स्टेशनों को एक नई पहचान देगा। यह न केवल रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए आर्थिक और सांस्कृतिक अवसरों को भी बढ़ाएगा।
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