ऑपरेशन सिंदूर: आईएसआई जासूसी नेटवर्क के खिलाफ भारत की कार्रवाई

भारत ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से जुड़े जासूसी नेटवर्क के खिलाफ व्यापक कार्रवाई शुरू की है। इस अभियान में पंजाब और हरियाणा पुलिस ने संयुक्त रूप से कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिनमें हिसार की मशहूर यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का नाम सबसे चर्चित है। ज्योति की गिरफ्तारी पंजाब के मलेरकोटला से पकड़ी गई गजाला की पूछताछ के बाद हुई, जिसने इस जासूसी नेटवर्क के कई अहम खुलासे किए। इस कार्रवाई ने देश की सुरक्षा के लिए खतरा बने इस नेटवर्क को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

ज्योति मल्होत्रा, जो अपने ट्रैवल यूट्यूब चैनल के लिए जानी जाती हैं, पिछले दो वर्षों में तीन बार पाकिस्तान, एक बार चीन, और यूएई, बांग्लादेश, भूटान, थाईलैंड जैसे देशों की यात्रा कर चुकी हैं। जांच में पता चला कि दो साल पहले वह पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी दानिश के संपर्क में आई थीं। पाकिस्तान यात्रा के दौरान उन्होंने वहां के खुफिया अधिकारियों और अन्य संदिग्ध व्यक्तियों से मुलाकात की। भारत लौटने के बाद ज्योति ने सोशल मीडिया के माध्यम से संवेदनशील जानकारी साझा की और पाकिस्तान की सकारात्मक छवि बनाने का प्रयास किया। ज्योति को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया।

पंजाब पुलिस ने मलेरकोटला से गजाला और उसके साथी यामीन मोहम्मद को भी हिरासत में लिया। गजाला का काम दानिश से प्राप्त धन को जासूसों तक पहुंचाना था, जबकि यामीन भी दानिश के सीधे संपर्क में था। पूछताछ के दौरान गजाला ने ज्योति समेत कई अन्य जासूसों के नाम उजागर किए। इसके अलावा, हरियाणा के कैथल से देवेंद्र सिंह नामक एक युवक को गिरफ्तार किया गया। देवेंद्र 2024 में सिख जत्थे के साथ पाकिस्तान गया था, जहां वह आईएसआई के जाल में फंस गया। उसे हनी ट्रैप के जरिए पटियाला कैंट की तस्वीरें और वीडियो साझा करने के लिए मजबूर किया गया।

हरियाणा के नूह से एक अन्य संदिग्ध अरमान को भी गिरफ्तार किया गया। अरमान पिछले छह महीनों से दानिश के संपर्क में था और उसे पैसे व सिम कार्ड दिए गए थे। उसने डिफेंस एक्सपो की तस्वीरें पाकिस्तान को भेजी थीं और अन्य जासूसों तक धन पहुंचाने का काम करता था। पुलिस अब इन सभी संदिग्धों से गहन पूछताछ कर रही है ताकि इस जासूसी नेटवर्क का पूरी तरह से पर्दाफाश हो सके।

यह कार्रवाई भारत की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल जासूसों के नेटवर्क को उजागर किया, बल्कि यह भी साबित किया कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां देश की संप्रभुता और सुरक्षा के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगी। इस अभियान के तहत गिरफ्तार किए गए सभी संदिग्धों की गतिविधियों की गहन जांच की जा रही है, ताकि भविष्य में ऐसी गतिविधियों को रोका जा सके।

भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की इस सख्त कार्रवाई से यह संदेश स्पष्ट है कि देश की सुरक्षा के खिलाफ कोई भी साजिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस ऑपरेशन ने न केवल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के मंसूबों को नाकाम किया, बल्कि देशवासियों में यह विश्वास भी जगाया कि उनकी सुरक्षा मजबूत हाथों में है।

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