मंगलवार को एक दिन की गिरावट के बाद बुधवार को भारतीय शेयर बाजार ने शानदार वापसी की। बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी50 दोनों ही सूचकांकों ने सकारात्मक रुख के साथ शुरुआत की। सुबह करीब 9:50 बजे, बीएसई सेंसेक्स 508 अंक यानी 0.63% की बढ़त के साथ 81,694 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी50 इंडेक्स 149 अंक यानी 0.61% की उछाल के साथ 24,833 पर था। यह तेजी मुख्य रूप से बैंकिंग, ऑटोमोबाइल, और आईटी सेक्टर के शेयरों में मजबूत खरीदारी के कारण देखी गई।
टॉप गेनर्स और लूजर्स
सेंसेक्स के प्रमुख शेयरों में सन फार्मा, मारुति सुजुकी, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, टाटा मोटर्स, आईसीआईसीआई बैंक और टेक महिंद्रा ने शानदार प्रदर्शन किया। इन शेयरों में 1.5% तक की बढ़त दर्ज की गई। दूसरी ओर, एटरनल (जोमैटो), इंडसइंड बैंक, अडानी पोर्ट्स, कोटक बैंक और एनटीपीसी जैसे शेयरों में गिरावट देखी गई। इस बीच, इरकॉन इंटरनेशनल के शेयरों में 3% की तेजी आई, क्योंकि कंपनी को साउथ वेस्टर्न रेलवे से KAVACH सिस्टम के लिए 253.6 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिला। इसके अलावा, यूनाइटेड ब्रुअरीज लिमिटेड (UBL) के शेयर 2.3% बढ़े, क्योंकि कंपनी ने आंध्र प्रदेश में अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए इलियोस ब्रुअरीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक लीजिंग समझौता किया।
सेक्टोरल प्रदर्शन
सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो निफ्टी ऑटो, बैंक, FMCG, फार्मा और रियलिटी इंडेक्स में 1.5% तक की बढ़त देखी गई। वहीं, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑयल एंड गैस सेक्टर में 0.7% तक की गिरावट दर्ज की गई। यह उतार-चढ़ाव बाजार की गतिशीलता को दर्शाता है, जहां कुछ सेक्टर निवेशकों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं, जबकि अन्य दबाव में हैं।
मंगलवार की गिरावट और FII की बिकवाली
मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखी गई थी, जब निफ्टी50 और बीएसई सेंसेक्स दोनों में 1% की कमी आई थी। इस गिरावट का मुख्य कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FII) की भारी बिकवाली थी। FII ने 10,016 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जो 28 फरवरी के बाद एक दिन में सबसे बड़ी बिकवाली थी। यह बिकवाली अमेरिका और जापान में बॉन्ड यील्ड में वृद्धि के कारण हुई, जिसने वैश्विक निवेशकों के मनोबल को प्रभावित किया। इसके अलावा, भारतीय इक्विटी के वैल्यूएशन में हालिया बढ़ोतरी ने भी बाजार पर दबाव डाला।
बाजार की दिशा और निवेशकों की रणनीति
बुधवार की तेजी ने निवेशकों में नया उत्साह भरा है। बैंकिंग और ऑटो सेक्टर में खरीदारी से बाजार को मजबूती मिली है। विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और बॉन्ड यील्ड में बदलाव पर निवेशकों की नजर बनी रहेगी। इसके अलावा, घरेलू स्तर पर कॉरपोरेट आय और सरकारी नीतियां भी बाजार की दिशा तय करेंगी। इरकॉन और यूनाइटेड ब्रुअरीज जैसे शेयरों में तेजी से यह साफ है कि विशिष्ट कॉरपोरेट डेवलपमेंट्स भी निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक निवेश रणनीति अपनाएं। सेक्टोरल रोटेशन और स्टॉक-विशिष्ट अवसरों पर ध्यान देना फायदेमंद हो सकता है। बाजार की गतिशीलता को समझने और सूचित निर्णय लेने के लिए विशेषज्ञ सलाह और नियमित अपडेट का सहारा लेना चाहिए।
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