भारत में आतंकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाने की भारत की कोशिशों को बड़ा बल मिला है। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अबू धाबी पहुंचा, जहां UAE के शीर्ष अधिकारियों के साथ भारत की आतंकवाद विरोधी नीति पर गहन चर्चा हुई।
भारत और UAE की साझा प्रतिबद्धता
प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात UAE की रक्षा समिति के अध्यक्ष अली राशिद अल नूमी और सहिष्णुता मंत्री शेख नाहयान से हुई। इन बैठकों में दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ साझा मोर्चा बनाने और आतंक को किसी भी मजहब से जोड़ने की प्रवृत्ति की निंदा की।
श्रीकांत शिंदे का बयान
सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा UAE आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है। दोनों देशों का यह साझा संदेश बहुत स्पष्ट है आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और इसे किसी मजहबी पहचान की आड़ में बढ़ने नहीं दिया जाएगा।
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अबू धाबी से पाकिस्तान को करारा जवाब
UAE का यह रुख सीधे तौर पर पाकिस्तान को भी एक स्पष्ट संदेश देता है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भारत लंबे समय से पाकिस्तान पर आतंकवाद को पनाह देने का आरोप लगाता रहा है और अब ऐसे समय में UAE जैसे मुस्लिम देश का भारत के पक्ष में खड़ा होना सामरिक दृष्टि से बेहद अहम है।
भारतीय समुदाय की भूमिका और सुरक्षा
शिंदे ने यह भी कहा कि UAE में भारतीय समुदाय की बड़ी आबादी शांति और सुरक्षित माहौल में जीवन यापन कर रही है, और यह भारत-UAE संबंधों की मजबूती का प्रतीक है।ऑपरेशन सिंदूर केवल एक रणनीतिक कदम नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की वैश्विक नीति का हिस्सा बन चुका है। अबू धाबी से मिले समर्थन से भारत की स्थिति और मजबूत हुई है। ये घटनाक्रम दिखाते हैं कि भारत का संदेश अब केवल सीमाओं तक सीमित नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी गूंज रहा है।
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