बिहार की राजनीति में एक और बड़ा मोड़ आ गया है। चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने सशर्त राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को समर्थन देने का ऐलान किया है। मुजफ्फरपुर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने साफ कहा अगर लालू यादव हमारे शर्त को मान लें, तो जन सुराज आरजेडी को जिताने के लिए जी-जान लगा देगा।
क्या है प्रशांत किशोर की शर्त?
प्रशांत किशोर ने यह स्पष्ट किया कि उनका समर्थन तेजस्वी यादव या लालू परिवार के लिए नहीं, बल्कि समाज के व्यापक प्रतिनिधित्व के लिए होगा। उन्होंने कहा अगर लालू यादव अपने परिवार के बाहर किसी यादव नेता को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाएं — यानी कोई और यादव का बेटा, तो हम समर्थन देंगे।इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मचना तय है।
तेज प्रताप पर तंज
प्रशांत किशोर ने तेज प्रताप यादव को लेकर भी तंज कसा। तेज प्रताप तो आते-जाते रहते हैं… पहले वृंदावन चले गए थे, फिर मंत्री बनकर लौटे। उन्होंने कहा कि यह लालू परिवार का निजी मामला है और वे इस पर ज़्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहते।
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जन सुराज का नया समीकरण?
यह बयान ऐसे समय आया है जब बिहार में महागठबंधन की स्थिति अस्थिर मानी जा रही है और जन सुराज मैदान में खुद को ‘साफ और जनहित वाली राजनीति’ के रूप में पेश कर रहा है।
क्या इसका असर होगा?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रशांत किशोर का यह बयान आरजेडी को दबाव में डालने की रणनीति भी हो सकती है ताकि वे नेतृत्व के मुद्दे पर पुनर्विचार करें और जन सुराज को क्षेत्रीय गठबंधन में शामिल करें। बिहार की राजनीति में जहां एक ओर गठबंधन की जुगलबंदी चल रही है, वहीं प्रशांत किशोर ने यह साफ कर दिया है कि समर्थन बिना शर्त नहीं मिलेगा। अब गेंद लालू यादव के पाले में है।
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