भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट स्थित चार भारतीय राज्यों—गुजरात, राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर—में गुरुवार से नागरिक रक्षा मॉक ड्रिल्स की शुरुआत होने जा रही है। यह अभ्यास भारत की आपातकालीन तैयारियों को और मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। इसके साथ ही, हरियाणा सरकार ने 29 मई को पूरे राज्य में ‘ऑपरेशन शील्ड’ नामक एक महत्वपूर्ण नागरिक रक्षा अभ्यास की घोषणा की है, जिसमें सभी 22 जिले शामिल होंगे। यह ड्रिल शाम 5 बजे शुरू होगी और इसका मुख्य लक्ष्य आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को बेहतर बनाना है।
ऑपरेशन सिंदूर और मॉक ड्रिल्स का महत्व
ये मॉक ड्रिल्स हाल ही में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ के बाद आयोजित हो रही हैं। ऑपरेशन सिंदूर एक ऐसी सैन्य कार्रवाई थी, जिसने आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक नीति को दर्शाया। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते के बावजूद, जिसमें किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई या गोलीबारी से बचने की बात कही गई थी, ये मॉक ड्रिल्स सुरक्षा के प्रति सतर्कता बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत देश भर में नागरिक रक्षा मॉक ड्रिल्स की घोषणा की थी। यह निर्णय कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया गया, जिसमें 26 नागरिकों की जान चली गई थी। इन अभ्यासों का उद्देश्य नागरिकों को युद्ध जैसी आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार करना है। इसमें ब्लैकआउट अभ्यास, एयर रेड सायरन, निकासी प्रोटोकॉल और जनता को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए जागरूक करना शामिल है।

प्रधानमंत्री का बयान और ऑपरेशन सिंदूर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 मई को गुजरात के गांधीनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में कहा, “यह कोई प्रॉक्सी युद्ध नहीं था। जब भारतीय सेना ने 22 मिनट में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला किया, तो यह एक निर्णायक कार्रवाई थी। इसे कैमरे के सामने स्पष्ट रूप से दिखाया गया ताकि कोई यह न कह सके कि भारत ने गलत कदम उठाया।” उन्होंने यह भी जोड़ा, “हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन अगर हमें युद्ध की स्थिति में मजबूर किया गया, तो हम अपनी पूरी ताकत से जवाब देंगे।”
नागरिक रक्षा मॉक ड्रिल्स का उद्देश्य
इन मॉक ड्रिल्स का प्रमुख उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित करना है। ये अभ्यास यह सुनिश्चित करते हैं कि लोग किसी भी संकट की स्थिति में त्वरित और समुचित प्रतिक्रिया दे सकें। इसमें शामिल गतिविधियों में ब्लैकआउट प्रोटोकॉल, आपातकालीन सायरन, निकासी योजनाएं और जन जागरूकता अभियान शामिल हैं। विशेष रूप से, हरियाणा का ‘ऑपरेशन शील्ड’ पूरे राज्य में एक साथ आयोजित होने वाला एक व्यापक अभ्यास है, जो आपातकालीन प्रबंधन में समन्वय और प्रभावशीलता को बढ़ाने पर केंद्रित है।
भारत-पाक तनाव और भविष्य की तैयारियां
ऑपरेशन सिंदूर और इसके बाद आयोजित मॉक ड्रिल्स भारत की रक्षा तैयारियों को और मजबूत करने का हिस्सा हैं। हालांकि, इन अभ्यासों ने एक सवाल को जन्म दिया है—क्या ये ड्रिल्स केवल सतर्कता बनाए रखने का एक उपाय हैं, या भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ सकता है? विशेषज्ञों का मानना है कि ये अभ्यास देश की सुरक्षा नीति का हिस्सा हैं, जो न केवल सैन्य बल्कि नागरिक स्तर पर भी तैयारियों को मजबूत करने पर जोर देती हैं।
नागरिक रक्षा मॉक ड्रिल्स न केवल आपातकालीन प्रबंधन को बेहतर बनाती हैं, बल्कि जनता में आत्मविश्वास भी जगाती हैं। ये अभ्यास यह सुनिश्चित करते हैं कि भारत किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में पूरी तरह तैयार रहे। जैसे-जैसे ये ड्रिल्स आयोजित हो रही हैं, देश की नजर इस बात पर टिकी है कि ये प्रयास भारत की सुरक्षा को और कितना मजबूत करेंगे।
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