शोपियां में दो लश्कर आतंकियों का आत्मसमर्पण

कश्मीर घाटी के शोपियां जिले में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों को एक और बड़ी सफलता मिली है। सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की संयुक्त कार्रवाई में लश्कर-ए-तैयबा के दो हाइब्रिड आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। यह अभियान शोपियां के बसकुचन इमामसाहिब इलाके में चलाया गया, जहां एक संभावित मुठभेड़ को रणनीतिक रूप से टालते हुए आतंकियों को जिंदा पकड़ने में सफलता मिली।

इस ऑपरेशन में आत्मसमर्पण करने वाले आतंकियों की पहचान इरफान बशीर और उजैर सलाम के रूप में हुई है। उनके पास से दो एके-56 राइफलें, चार मैगजीन, दो हथगोले, भारी मात्रा में गोला-बारूद, नकद रुपये और एक आधार कार्ड बरामद किया गया। यह ऑपरेशन सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF की 178वीं बटालियन के समन्वय से सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।

घेराबंदी से आतंकियों ने बिना संघर्ष के किया आत्मसमर्पण

पुलिस के अनुसार, क्षेत्र में आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया। आतंकियों को पास के एक बगीचे में छिपे हुए देखा गया, जिसके बाद तुरंत कार्रवाई की गई। सुरक्षा बलों की रणनीति और सूझबूझ के चलते मुठभेड़ की नौबत नहीं आई और आतंकियों ने बिना संघर्ष के आत्मसमर्पण कर दिया।

यह सफलता सुरक्षा बलों की नई रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है, जिसमें आतंकियों को आत्मसमर्पण करने के लिए मनोवैज्ञानिक दबाव और घेराबंदी के माध्यम से मजबूर किया जाता है। इससे न केवल जान-माल का नुकसान टलता है, बल्कि युवाओं को मुख्यधारा में लौटने का मौका भी मिलता है।

शोपियां में सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई, आतंकी ढेर हुए

यह ऑपरेशन उस समय हुआ है जब 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी गतिविधियों को और तेज कर दिया है। उस हमले में 26 लोगों की मौत के बाद से सुरक्षा बल आतंकवाद पर निर्णायक प्रहार करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

शोपियां, जो पहले से ही आतंकवाद की गतिविधियों का गढ़ माना जाता रहा है, अब सुरक्षा एजेंसियों के विशेष फोकस में है। इस अभियान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकियों के पास अब न तो छिपने की जगह बची है और न ही उनके मंसूबे सफल हो पा रहे हैं।

शोपियां ऑपरेशन: आतंकवाद पर सुरक्षा बलों का करारा प्रहार

आतंकियों के आत्मसमर्पण और भारी हथियारों की बरामदगी से यह संदेश जाता है कि सुरक्षा बल हर स्थिति के लिए तैयार हैं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई कोताही नहीं बरती जा रही। यह ऑपरेशन न केवल सुरक्षा बलों की कुशल रणनीति का उदाहरण है, बल्कि आम जनता में भी सुरक्षा की भावना को और मजबूत करता है।

स्थानीय लोगों ने भी इस अभियान की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि ऐसे और प्रयासों से क्षेत्र में स्थायी शांति और विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।

इस प्रकार, शोपियां में हुआ यह ऑपरेशन आतंकवाद विरोधी मुहिम में एक मील का पत्थर साबित हुआ है। इससे न केवल आतंकियों के मनोबल को करारा झटका लगा है, बल्कि यह भी सिद्ध हुआ है कि घाटी में अब आतंक के दिन गिने-चुने रह गए हैं। सुरक्षा बलों की यह रणनीति भविष्य में भी आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक साबित होगी।

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