पाकिस्तान एक बार फिर आतंकवाद को बढ़ावा देने और भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए चर्चा में है। लश्कर-ए-तैयबा के कुख्यात कमांडर सैफुल्लाह कसूरी ने हाल ही में एक रैली का आयोजन किया, जिसमें उसने भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए। इस रैली में पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग के बैनर तले कई आतंकी और पाकिस्तानी नेता एक मंच पर नजर आए। इस आयोजन में आतंकी हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद ने भी शिरकत की, जो भारत की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में 32वें स्थान पर है। इस रैली ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ बना हुआ है।
सैफुल्लाह कसूरी का शर्मनाक बयान
सैफुल्लाह कसूरी, जिसे पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है, इस रैली में भारत के खिलाफ जहर उगला। उसने दावा किया कि पहलगाम हमले के बाद उसका नाम पूरी दुनिया में मशहूर हो गया है। कसूरी ने बेशर्मी से कहा, “मुझे पहलगाम हमले का जिम्मेदार ठहराया गया, और अब मेरा नाम हर जगह गूंज रहा है।” इतना ही नहीं, उसने यह भी ऐलान किया कि वह अपने नाम पर एक अस्पताल बनवाएगा। यह बयान न केवल उसकी आतंकी मानसिकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि पाकिस्तान में आतंकियों को खुली छूट दी जा रही है।
तल्हा सईद का भारत विरोधी भाषण
रैली में हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद भी मौजूद था। उसने अपने भाषण की शुरुआत “नारा-ए-तकबीर” के साथ की और भारत के खिलाफ भड़काऊ बातें कहीं। तल्हा सईद भारत की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल है और उसका इस रैली में शामिल होना पाकिस्तान की आतंकवाद के प्रति नीति को उजागर करता है। तल्हा ने अपने भाषण में भारत के खिलाफ नफरत भड़काने की कोशिश की और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने की बात कही।
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पाकिस्तानी नेताओं की संलिप्तता
इस रैली की सबसे चिंताजनक बात यह थी कि इसमें पाकिस्तानी नेता भी शामिल थे। यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के नेताओं ने आतंकियों के साथ मंच साझा किया हो। इससे पहले भी कई आतंकी, जिनमें सैफुल्लाह कसूरी जैसे लोग शामिल हैं, पाकिस्तान में चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि, अधिकतर आतंकी चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सके, लेकिन उनकी खुली गतिविधियां और नेताओं का समर्थन चिंता का विषय है।
पाकिस्तान: आतंक का गढ़
पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद को पनाह देता आ रहा है। हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भी स्वीकार किया था कि उनका देश सालों से आतंकियों को पाल रहा है। भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे। इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में कई आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। इसके बावजूद, पाकिस्तान में आतंकी खुलेआम रैलियां आयोजित कर रहे हैं और भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं।
भारत की जवाबी कार्रवाई
भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। ऑपरेशन सिंदूर इसका एक उदाहरण है, जिसमें हाई प्रोफाइल आतंकी मुदासिर अहमद मारा गया था। भारतीय सेना की इस कार्रवाई ने पाकिस्तान में आतंकियों के हौसले पस्त किए थे, लेकिन कसूरी और तल्हा जैसे आतंकियों की रैलियां दिखाती हैं कि पाकिस्तान अभी भी आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए गंभीर नहीं है।
आगे की राह
पाकिस्तान में आतंकियों की खुली गतिविधियां और नेताओं का समर्थन वैश्विक समुदाय के लिए चिंता का विषय है। भारत ने बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाया है और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। जरूरत है कि वैश्विक समुदाय भी पाकिस्तान पर दबाव बनाए ताकि वह आतंकियों को पनाह देना बंद करे। भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है।
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