राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सीआरपीएफ जवान मोती राम जाट को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया है। मोती राम पर आरोप है कि उसने महत्वपूर्ण सुरक्षा जानकारी पाकिस्तानी एजेंटों के साथ साझा की और इसके बदले मोटी रकम प्राप्त की। यह मामला देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है और सवाल उठाता है कि एक जवान अपने कर्तव्यों से कैसे भटक सकता है।
पहलगाम में तैनाती और दिल्ली ट्रांसफर
मोती राम जाट जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में सीआरपीएफ की एक बटालियन में तैनात था। 22 अप्र goat attack से कुछ दिन पहले उसका ट्रांसफर दिल्ली कर दिया गया था। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसने गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे की गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी अधिकारियों को दी। इसके अलावा, उसने सुरक्षा बलों की तैनाती, आतंकवादियों के संभावित ठिकानों और सीआरपीएफ जवानों की आवाजाही की संवेदनशील जानकारी भी साझा की।
पाकिस्तानी अधिकारियों का पत्रकार बनकर संपर्क
जांच में सामने आया कि मोती राम को एक महिला पत्रकार के जरिए फंसाया गया, जो एक प्रमुख टीवी चैनल से जुड़ी थी। बाद में पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी उसी चैनल के पत्रकार बनकर उससे संपर्क में आए और महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कीं। यह खुलासा चौंकाने वाला है, क्योंकि यह दर्शाता है कि दुश्मन देश किस तरह भ्रामक तरीकों से संवेदनशील जानकारी प्राप्त करते हैं।
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पैसे के बदले बेची गई जानकारी
मोती राम ने पूछताछ में बताया कि उसे पाकिस्तानी अधिकारियों से हर महीने 3,500 रुपये मिलते थे। इसके अलावा, महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए उसे अतिरिक्त 12,000 रुपये का भुगतान किया जाता था। यह राशि उसके और उसकी पत्नी के बैंक खातों में जमा होती थी। एनआईए और सीआरपीएफ ने उसके फोन की जांच की, जिसमें सुरक्षा बलों की तैनाती, खुफिया रिपोर्ट्स और अन्य संवेदनशील दस्तावेजों को पाकिस्तानी अधिकारियों को भेजे जाने के सबूत मिले। हैरानी की बात यह है कि मोती राम ने अपने फोन से कोई भी संदेश डिलीट नहीं किया था।
लंबे समय से थी नजर
सूत्रों के अनुसार, मोती राम की गतिविधियों पर खुफिया एजेंसियां काफी समय से नजर रख रही थीं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले से ठीक पहले उसका दिल्ली ट्रांसफर किया गया था, लेकिन इसके बावजूद उसने गृह मंत्री के दौरे की जानकारी लीक की। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती पेश करता है और सैन्य अनुशासन पर सवाल उठाता है।
आगे की जांच
एनआईए ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। जांच एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि मोती राम ने और किन-किन जानकारियों को लीक किया और क्या इस साजिश में अन्य लोग भी शामिल हैं। इस मामले से जुड़े और भी चौंकाने वाले खुलासे जल्द सामने आ सकते हैं। यह घटना देश की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत को रेखांकित करती है।
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