भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव हाल ही में चरम पर पहुंच गया, जब 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। इस सैन्य कार्रवाई ने न केवल सीमा पर तनाव बढ़ाया, बल्कि सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी। कई लोगों ने बॉलीवुड सितारों की चुप्पी पर सवाल उठाए, जो सामान्य रूप से सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर बोलते हैं। आलोचकों का कहना था कि राष्ट्रवादी फिल्में बनाने वाला बॉलीवुड इस गंभीर मुद्दे पर चुप क्यों है?
जावेद अख्तर का करारा जवाब
मशहूर गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने इन आलोचनाओं का जवाब देते हुए बॉलीवुड का बचाव किया। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “मैं हमेशा सच बोलता हूं, चाहे वह किसी को पसंद हो या नहीं।” अख्तर ने स्पष्ट किया कि हर सितारे से हर मुद्दे पर बोलने की उम्मीद करना अव्यवहारिक है। उन्होंने कहा, “कुछ सितारे अपने काम में व्यस्त हैं, पैसा कमा रहे हैं या नाम बना रहे हैं। उन्हें करने दें। देश बोल रहा है, कई लोग अपनी आवाज उठा रहे हैं।” एक सार्वजनिक कार्यक्रम में जब उनसे पूछा गया कि राष्ट्रवादी फिल्में बनाने वाला बॉलीवुड ऑपरेशन सिंदूर पर क्यों खामोश है, तो उन्होंने पलटकर सवाल किया, “आपने पिछले 15 साल में सरकार की कौन-सी नीति का विरोध किया?” उन्होंने आलोचकों से कहा कि हल्के मुद्दों पर बोलना आसान है, लेकिन गंभीर और जोखिम भरे मामलों पर साहस दिखाना चाहिए।
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पाकिस्तान पर तीखा प्रहार
जावेद अख्तर ने पाकिस्तान पर भी कड़ा रुख अपनाया। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “अगर मुझे नरक और पाकिस्तान में से चुनना हो, तो मैं नरक चुनूंगा।” उन्होंने पाकिस्तान के कश्मीर पर दुष्प्रचार को खारिज करते हुए कहा, “यह झूठ है कि कश्मीरी दिल से पाकिस्तानी हैं। कश्मीरी भारत के साथ हैं, और पहलगाम हमले से उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।” अख्तर ने स्पष्ट किया कि कश्मीर के लोग भारत का अभिन्न हिस्सा हैं और पाकिस्तान का प्रचार केवल भ्रम फैलाने का प्रयास है।
बॉलीवुड में डर का माहौल?
अख्तर ने यह भी बताया कि कई बॉलीवुड सितारे सरकारी नीतियों की आलोचना करने से डरते हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, “मर्लिन स्ट्रीप ने अमेरिकी सरकार के खिलाफ बोला, लेकिन उन पर कोई आयकर छापा नहीं पड़ा। भारत में सितारे ED, CBI या आयकर छापों से डरते हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यह डर केवल सितारों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग में मौजूद है। अख्तर ने सुझाव दिया कि सितारों को अपनी बात रखने के लिए और साहस दिखाना चाहिए, लेकिन साथ ही यह भी स्वीकार किया कि हर व्यक्ति की अपनी प्राथमिकताएं और सीमाएं होती हैं।
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