पूर्वोत्तर में भूस्खलन और बाढ़ से 30 की मौत, कई प्रभावित

पिछले दो दिनों में पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश के कारण आए भूस्खलन और अचानक बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम 30 लोगों की जान चली गई है, जिसमें से 14 लोगों की मौत आज हुई। असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर और मिजोरम जैसे राज्य इस आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। असम में 12 जिलों में लगभग 60,000 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन और बाढ़ से नौ लोगों की मौत हुई है। मौसम विभाग ने असम के कुछ हिस्सों के लिए लाल और नारंगी अलर्ट जारी किया है, जबकि शेष पूर्वोत्तर के लिए नारंगी और पीला अलर्ट लागू है।

असम में भारी बारिश ने तोड़ा 67 साल का रिकॉर्ड

असम में लगातार बारिश के कारण पिछले 24 घंटों में पांच लोगों की मौत भूस्खलन में हुई। कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिले में ये सभी मौतें दर्ज की गईं। गुवाहाटी के बोंडा इलाके में भूस्खलन के कारण तीन महिलाओं की जान चली गई। गुवाहाटी में एक दिन में 111 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसने 67 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस भारी बारिश के कारण ब्रह्मपुत्र सहित कई नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है, जिससे छह जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई और 10,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं।

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अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन से सात लोगों की मौत

अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामेंग जिले में एक दुखद घटना में, बाना और सेप्पा के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-13 पर भूस्खलन के कारण एक ब्रेज़ा कार गहरी खाई में गिर गई, जिसमें दो परिवारों के सात सदस्यों की मौत हो गई। इस घटना में सौभाग्यवश एक सूमो वाहन फंसने के बावजूद कोई हताहत नहीं हुआ। अरुणाचल प्रदेश के गृह मंत्री मामा नटुंग ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए फेसबुक पर लिखा, “इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं सभी से मानसून के मौसम में रात में यात्रा से बचने का आग्रह करता हूँ।” इसके अलावा, जीरो में पाइन ग्रोव के निकट भारी भूस्खलन में एक रेस्तरां में काम करने वाले दो लोगों की मौत हो गई।

बचाव कार्य और सावधानियां

राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और स्थानीय निवासियों ने तुरंत खोज और बचाव अभियान शुरू किया। अधिकारियों ने मानसून के मौसम में सड़कों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि वे भारी बारिश और भूस्खलन की संभावना वाले क्षेत्रों में सतर्क रहें और रात के समय यात्रा से बचें।

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