राजा रघुवंशी हत्याकांड की जांच में पुलिस और विशेष जांच दल (एसआईटी) की टीमें लगातार जुटी हुई हैं। शिलांग पुलिस ने सोनम रघुवंशी की पिस्टल और पांच लाख रुपए से भरे ट्रॉली बैग की तलाश तेज कर दी है। पुलिस का शक है कि सोनम और उसके दोस्त राज कुशवाह ने मिलकर राजा की हत्या की योजना बनाई थी, जो फरवरी से ही चल रही थी। इस मामले की गुत्थी दिन-ब-दिन और उलझती जा रही है।
हत्या की साजिश और आरोपी
29 वर्षीय ट्रांसपोर्टर राजा रघुवंशी की शादी 11 मई को सोनम से हुई थी, लेकिन उनके बीच विवाद और हत्या की साजिश फरवरी महीने से ही शुरू हो गई थी। पुलिस के मुताबिक, राज कुशवाह ने अपने दोस्तों विशाल (विक्की), आकाश और आनंद को हत्या का जिम्मा सौंपा था। इन आरोपियों को एक पिस्टल भी दी गई थी, जिससे राजा को गोली मारने की योजना बनी थी। हालांकि, गोली चलाने का मौका न मिलने पर उन्होंने अन्य हथियारों से हत्या की योजना बनाई।
पिस्टल और रुपए कहाँ हैं?
पुलिस को शक है कि हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्टल और पांच लाख रुपए सोनम के पास थे, जिन्हें वह फ्लैट में छोड़ आई थी। सोनम ने भी पुलिस को बताया कि पिस्टल और रुपए ट्रॉली बैग में थे, जो अभी तक बरामद नहीं हो सके हैं। पिछले तीन दिनों से एसआईटी सोनम के घर, ऑफिस और अन्य स्थानों पर छानबीन कर रही है। सोनम के घर की अलमारी, बैग, सूटकेस समेत कई जगहों की जांच हो चुकी है, लेकिन पिस्टल और रुपए अभी भी नहीं मिले हैं।
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हवाला कारोबार का भी जुड़ाव
जांच में यह भी पता चला है कि राज कुशवाह विजयनगर में एक ऑफिस चलाता था, जिसे हवाला लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जाता था। पुलिस ने इस ऑफिस की भी जांच की है और वहां काम करने वाली युवतियों से पूछताछ की है। इसके साथ ही, सोनम को गाजीपुर छोड़ने वाले ड्राइवर और कार मालिक से भी पूछताछ की गई है। इस पूरे मामले में पिस्टल और रुपए की खोज पुलिस के लिए अहम सबूत साबित हो सकती है।
जांच की दिशा और आगे के कदम
एसआईटी ने राज के घर लक्ष्मणपुरा में भी तलाशी ली है और परिवार से जानकारी जुटाई है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि सोनम और राज हत्याकांड की योजना कैसे और कब से बना रहे थे। साथ ही, हत्या के दौरान पिस्टल और रुपए का क्या हुआ, यह भी जांच का केंद्र बना हुआ है।
राजा रघुवंशी हत्या मामले में इस कड़ाई से चल रही जांच से जल्द ही कई और तथ्य सामने आने की उम्मीद है, जो इस जटिल मामले की गुत्थी सुलझाने में मदद करेंगे। पुलिस और एसआईटी की टीमें सभी सुराग जुटाकर न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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