केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव को लेकर भारतवासियों को आश्वस्त किया है कि इस अंतरराष्ट्रीय संघर्ष का भारत पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने एक इंटरव्यू में दिए एक साक्षात्कार में कहा कि भारत न केवल सुरक्षित है, बल्कि आज निवेश और व्यापार के लिए दुनिया की सबसे मजबूत जगहों में से एक है।
भारत को खतरा नहीं, बल्कि अवसर है
अमित शाह ने स्पष्ट किया कि वैश्विक स्तर पर जो उथल-पुथल चल रही है, उसे भारत एक चुनौती नहीं बल्कि अवसर के रूप में देख रहा है। उन्होंने कहा, “भारत में लोकतंत्र मजबूत है, नीतियां पारदर्शी हैं और यहां प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। बड़ी संख्या में ग्राहक और कुशल जनशक्ति भारत को वैश्विक निवेश के लिए आकर्षक बनाते हैं।”
अर्थव्यवस्था में मजबूती और भविष्य की दिशा
गृह मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि दुनिया में आर्थिक अनिश्चितताएं हैं, लेकिन भारत उनसे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि “किसी भी देश को बिना चुनौतियों के विकास नहीं मिलता। भारत इन चुनौतियों को स्वीकार कर रहा है और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है।”
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विकास दर और वैश्विक तुलना
अमित शाह ने यह भी बताया कि अगर भारत की विकास दर 8% तक नहीं भी पहुंचती, तब भी भारत एक विकसित देश बन सकता है। “हमें अपनी विकास दर को वैश्विक परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए। भारत आज दुनिया की शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और हमारी गति भी उसी स्तर पर है।”
उन्होंने याद दिलाया कि कोरोना महामारी के दौरान जब दुनिया की अधिकांश अर्थव्यवस्थाएं ठप हो गई थीं, भारत ने अपनी विकास दर को संभाले रखा और विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहा।
निवेश पर भ्रम नहीं, विश्वास होना चाहिए
कुछ आलोचकों द्वारा भारत से निवेश बाहर जाने की बात पर शाह ने कहा, “यह तो अच्छी बात है कि भारतीय कंपनियां वैश्विक स्तर पर अपना विस्तार कर रही हैं। इससे भारत की शक्ति का प्रदर्शन होता है।”
उन्होंने बताया कि पिछले 11 सालों में भारत में FDI (विदेशी निवेश) 143% बढ़कर 749 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। जबकि यूपीए सरकार के समय यह आंकड़ा काफी कम था। “हमें नकारात्मक सोच छोड़कर, भारतीय कंपनियों की सफलता का स्वागत करना चाहिए।”
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