ईरान ने अस्थायी तौर पर खोला एयरस्पेस, भारत के आपातकालीन मिशन के लिए दिया समर्थन

भारतीयों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो पश्चिम एशिया के तनावपूर्ण हालात के बीच फंसे हुए हैं। ईरान ने अपने बंद एयरस्पेस को अस्थायी रूप से खोलने का निर्णय लिया है, ताकि भारत अपने हजारों नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश भेज सके। यह कूटनीतिक कदम न केवल भारत और ईरान के मजबूत संबंधों का प्रतीक है, बल्कि वैश्विक राजनयिक रिश्तों में मानवीय दृष्टिकोण को भी दर्शाता है।

ईरान ने भारत के लिए खोला एयरस्पेस

ईरान ने शुक्रवार, 20 जून को घोषणा की कि उसने भारत के आग्रह पर अपने एयरस्पेस को अस्थायी रूप से खोल दिया है। यह कदम विशेष रूप से उन भारतीयों के लिए उठाया गया है, जो इस क्षेत्र में फंसे हुए हैं—जिसमें छात्र, पर्यटक, और प्रोफेशनल्स शामिल हैं। कुल मिलाकर करीब 1,000 भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए तीन या उससे अधिक चार्टर्ड फ्लाइट्स चलाने की योजना बनाई गई है। ये उड़ानें ईरान की एक प्रमुख एयरलाइन द्वारा संचालित की जाएंगी, और इस पूरे मिशन की निगरानी भारत के तेहरान स्थित दूतावास कर रहा है।

उड़ान योजना और संचालन

यह रेस्क्यू मिशन मशहद (Mashhad) से शुरू होगा, जो ईरान-उज़्बेकिस्तान सीमा के पास स्थित एक बड़ा एयरपोर्ट है। पहली फ्लाइट शुक्रवार की रात दिल्ली पहुंचेगी, इसके बाद शनिवार और रविवार को आवश्यकतानुसार अतिरिक्त उड़ानें चलाई जाएंगी। ईरान के कार्यवाहक राजदूत ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस सहयोग की पुष्टि करते हुए इसे भारत के साथ बढ़ते सहयोग और मित्रता का प्रतीक बताया।

इसी के साथ, भारत सरकार ने तुर्कमेनिस्तान में फंसे कुछ भारतीयों के लिए भी विशेष चार्टर्ड फ्लाइट का इंतज़ाम किया है, जो अश्गाबात (Ashgabat) से भारत के लिए उड़ान भरेगी। यह मिशन भारत की तेज़, सक्षम और संवेदनशील विदेश नीति का जीता जागता उदाहरण है, जो संकट के समय हर नागरिक की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।

कूटनीतिक और मानवीय पहलू

इस कदम का महत्व सिर्फ एक एयरस्पेस खोलने तक सीमित नहीं है। यह बताता है कि दुनिया के कई हिस्सों में जारी तनाव के बीच भी कैसे देशों के बीच मानवीय रिश्ते और समझौते कायम रह सकते हैं। जब कई देश अपने एयरस्पेस बंद कर रहे हैं, तो ईरान का यह सहयोग दिखाता है कि संकट की घड़ी में कूटनीति और मानवता की अहमियत कितनी ज्यादा होती है। यह भारत की बढ़ती वैश्विक साख और क्षेत्रीय साझेदारी का एक मजबूत उदाहरण है।

भारत सरकार की प्रतिबद्धता

भारत सरकार और विदेश मंत्रालय ने लगातार अपने फंसे हुए नागरिकों की सुरक्षा और वापसी के लिए काम किया है। इस मिशन ने यह साबित कर दिया है कि भारत अपने हर नागरिक की चिंता करता है, चाहे वे दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हों। यह मिशन छात्रों, कर्मचारियों और परिवारों के लिए उम्मीद की किरण लेकर आया है।

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