सरकार ने 1 जुलाई 2025 से संपत्ति रजिस्ट्री के नियमों में चार बड़े बदलाव करने का ऐलान किया है, जिससे प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और सुरक्षित हो जाएगी। ये नए नियम फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी और भू-माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए बनाए गए हैं। इसके तहत आधार बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन, डिजिटल दस्तावेज अपलोडिंग, ऑनलाइन भुगतान और डिजिटल रजिस्ट्री कॉपी को अनिवार्य किया जाएगा।
आधार बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन: पहचान की सख्त जांच
पहला और सबसे महत्वपूर्ण नियम है आधार कार्ड के जरिए बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन। अब बिना फिंगरप्रिंट और रेटिना स्कैन के रजिस्ट्री संभव नहीं होगी। इससे किसी की पहचान चुराकर जमीन पर कब्जा करने वालों की सारी चालाकी फेल हो जाएगी। सरकार के मुताबिक यह नियम जालसाजों के लिए “मौत की घंटी” साबित होगा और नकली पहचान से संपत्ति हड़पने वाले अपराधियों को रोकने में मदद करेगा।
डिजिटल दस्तावेज अपलोडिंग: फर्जी कागजात पर रोक
दूसरा नियम सभी दस्तावेजों को सरकारी पोर्टल पर डिजिटल रूप में अपलोड करने का है। अब कोई भी नकली दस्तावेज इस प्रक्रिया को पार नहीं कर पाएगा। पोर्टल पर डिजिटल दस्तावेजों की जांच और सत्यापन के लिए एक डिजिटल पहरेदार तैनात रहेगा, जो हर दस्तावेज की प्रामाणिकता सुनिश्चित करेगा। इससे जाली दस्तावेजों से संपत्ति हड़पने वाले अपराधी गंभीर झटके में आएंगे।
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ऑनलाइन भुगतान: काले धन पर लगाम
तीसरा नियम ऑनलाइन भुगतान को अनिवार्य करता है। अब संपत्ति के सौदे में नकद लेनदेन पूरी तरह बंद हो जाएगा। हर ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड सरकारी डेटाबेस में सुरक्षित रहेगा, जिससे घोटालेबाजों और भ्रष्टाचार करने वालों के लिए छुपने की कोई जगह नहीं बचेगी। सरकार का मानना है कि इससे काले धन की सफाई होगी और संपत्ति के कारोबार में पारदर्शिता बढ़ेगी।
डिजिटल रजिस्ट्री कॉपी: तुरंत और सुरक्षित
चौथा और अंतिम नियम डिजिटल रजिस्ट्री कॉपी से जुड़ा है। रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी होते ही खरीदार को डिजिटल कॉपी तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी, जो कानूनी तौर पर पूरी तरह मान्य होगी। इससे पुरानी कागजी कॉपियों के खोने या फर्जी कॉपी के इस्तेमाल की संभावना खत्म हो जाएगी। यह डिजिटल रजिस्ट्री कॉपी डाउनलोड करने और भविष्य में जरूरत पड़ने पर प्रस्तुत करने में आसान होगी।
संपत्ति कारोबार में होगा बड़ा बदलाव
इन नियमों के लागू होने के बाद भारत की संपत्ति की दुनिया में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। दलालों, जालसाजों और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से होने वाली गलतियों और धोखाधड़ी पर पूरी तरह रोक लग जाएगी। यह नया नियम सेट भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सशक्त हथियार साबित होगा। सरकार इसे एक “खुफिया ऑपरेशन” मान रही है जो संपत्ति कारोबार को पूरी तरह पारदर्शी, डिजिटल और सुरक्षित बनाएगा।
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