ओडिशा के पुरी में हर साल होने वाली श्रीजगन्नाथ रथ यात्रा में इस बार एक दर्दनाक हादसा हो गया। रविवार तड़के श्रीगुंडिचा मंदिर के पास अचानक हुई भगदड़ में कम से कम तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हुए। हादसे की भयावहता इतनी थी कि पूरे राज्य में शोक की लहर फैल गई। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस हादसे को गंभीर लापरवाही करार देते हुए जांच के आदेश दिए हैं और श्रद्धालुओं से माफी मांगी है।
कैसे हुआ हादसा?
यह हादसा रविवार सुबह करीब 4 बजे हुआ, जब हजारों श्रद्धालु रथ यात्रा के दर्शन के लिए मंदिर परिसर में पहुंचे। अचानक भीड़ अनियंत्रित हो गई और भगदड़ मच गई। भारी संख्या में जमा लोगों के कारण प्रशासन का भीड़ नियंत्रण तंत्र फेल हो गया, जिसके चलते कई लोग कुचल गए और घायलों की संख्या लगातार बढ़ती गई।
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मौके पर त्वरित कार्रवाई, दो अधिकारी निलंबित
हादसे के तुरंत बाद पुरी जिला अस्पताल में घायलों को भर्ती कराया गया, जहां छह लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। मुख्यमंत्री ने पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ एस. स्वैन और पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल का तबादला कर दिया है। साथ ही डीसीपी बिष्णु चरण पति और पुलिस कमांडेंट अजय पाधी को निलंबित कर दिया गया है।
सरकार ने नई नियुक्तियों की घोषणा करते हुए चंचल राणा को पुरी का नया जिलाधिकारी और पिनाक मिश्रा को नया पुलिस अधीक्षक बनाया है।
मुख्यमंत्री की माफी और संवेदनाएं
मुख्यमंत्री मोहन माझी ने सोशल मीडिया पर हादसे पर दुख जताते हुए लिखा,
“मैं और मेरी सरकार सभी श्रद्धालुओं से माफी मांगते हैं। हम मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। सुरक्षा चूक अक्षम्य है और दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।”
विपक्ष ने साधा निशाना
इस हादसे के बाद विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर हमला बोला। बीजेडी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि रथयात्रा जैसे बड़े आयोजन में भीड़ प्रबंधन की असफलता सरकार की अक्षमता को दिखाती है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इसे “सरकार की लापरवाही और कुप्रबंधन” का नतीजा बताते हुए माफी से आगे दृढ़ कार्रवाई की मांग की।
पुलिस कर रही जांच
ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने बताया कि मामले की जांच की जिम्मेदारी राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को सौंपी गई है। हादसे के पीछे की वजहों—जैसे भीड़ प्रबंधन में चूक, सुरक्षा घेरे की कमजोरी और आयोजन की तैयारी—की बारीकी से जांच की जा रही है।
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