अमेरिका-यूके की सख्त नीतियों के बीच भारतीय छात्रों का ऑस्ट्रेलिया की ओर रुझान बढ़ा

हाल के वर्षों में, भारत के छात्रों में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा को लेकर रुचि लगातार बढ़ती जा रही है। परंपरागत रूप से, अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम जैसे देश इंटरनेशनल स्टडी डेस्टिनेशन के रूप में लोकप्रिय रहे हैं। लेकिन अब, इन देशों की सख्त होती वीज़ा और पोस्ट-स्टडी वर्क नीतियों ने छात्रों की योजनाओं पर असर डाला है।विशेषज्ञों का मानना है कि अब भारतीय छात्रों का झुकाव ऑस्ट्रेलिया की ओर तेजी से बढ़ रहा है। ऑस्ट्रेलिया की लचीली नीतियां, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और वर्क परमिट की सुविधाएं इसे भारतीय छात्रों के लिए एक आकर्षक विकल्प बना रही हैं।

अमेरिका और यूके की बदलती नीतियों ने बढ़ाई चिंताएं

2023 और 2024 के दौरान अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम दोनों ने इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए कई प्रतिबंधात्मक कदम उठाए। इनमें वीज़ा प्रोसेस में सख्ती, फैमिली डिपेंडेंट वीजा पर रोक, और पोस्ट-स्टडी वर्क परमिट की समयसीमा में कटौती जैसे निर्णय शामिल हैं।यूके ने 2024 में यह घोषणा की थी कि मास्टर्स स्टूडेंट्स अब अपने डिपेंडेंट्स को साथ नहीं ला सकेंगे, जबकि अमेरिका में OPT (Optional Practical Training) को लेकर अनिश्चितता बनी रही।इस तरह के फैसलों से भारतीय छात्रों के लिए इन देशों में पढ़ाई और काम करना पहले जितना आसान नहीं रहा।

ऑस्ट्रेलिया बना भारतीय छात्रों की पहली पसंद

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2003 से 2024 के बीच, ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों में भारत, दूसरे सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय छात्र समूह के रूप में उभरा है।2024 में ही ऑस्ट्रेलिया में लगभग 1 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र विभिन्न कोर्सेज में नामांकित थे। इसका मुख्य कारण है:

  • Post-Study Work Visa में लचीलापन
  • सस्ती शिक्षा की तुलना में उच्च गुणवत्ता
  • स्थायी निवास (PR) की बेहतर संभावना
  • साफ-सुथरी वीज़ा प्रक्रिया

विशेष रूप से, ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में अपने Temporary Graduate Visa (subclass 485) में कुछ बदलाव किए हैं जिससे STEM, IT, और हेल्थकेयर सेक्टर में पढ़ाई करने वाले छात्रों को लंबी अवधि तक काम करने की अनुमति मिल सकती है।

भारतीय छात्रों के लिए लोकप्रिय कोर्स

ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों के बीच कुछ विशेष कोर्स बेहद लोकप्रिय हैं, जैसे:

  • Information Technology
  • Engineering (Mechanical, Civil, Electrical)
  • Business Management
  • Public Health
  • Data Science और AI
  • Nursing और Allied Health Courses

इन क्षेत्रों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को इंडस्ट्री से सीधा जुड़ाव, इंटर्नशिप के अवसर, और स्थायी नौकरी की संभावना मिलती है।

क्या कहते हैं शिक्षा विशेषज्ञ?

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि छात्रों को अब केवल टॉप डेस्टिनेशन ही नहीं, बल्कि वहां की लॉन्ग-टर्म पॉलिसीज भी ध्यान में रखनी चाहिए।एक काउंसलर ने बताया, “ऑस्ट्रेलिया की शिक्षा नीति फिलहाल छात्रों को स्थिरता और अवसर दोनों देती है, खासकर उन छात्रों के लिए जो विदेश में काम करना और भविष्य बनाना चाहते हैं।

ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई भारतीय छात्रों के लिए सुनहरा अवसर

जब अमेरिका और यूके जैसे देशों में पढ़ाई के बाद मिलने वाले अवसर कम हो रहे हैं, तब ऑस्ट्रेलिया भारतीय छात्रों को एक स्थायी, सुरक्षित और करियर-उन्मुख विकल्प के रूप में सामने आ रहा है।

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