August 28, 2025

अनीश दयाल सिंह बने उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार: नई जिम्मेदारियों का आगाज़

नियुक्ति की घोषणा

केंद्र सरकार ने रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी अनीश दयाल सिंह को उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (डिप्टी एनएसए) नियुक्त किया है। मणिपुर कैडर के 1988 बैच के इस अनुभवी अधिकारी ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस नियुक्ति की आधिकारिक घोषणा की। अनीश दयाल सिंह दिसंबर 2024 में सेवानिवृत्त हुए थे और अब वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ मिलकर देश की सुरक्षा रणनीतियों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएंगे।

शानदार करियर का सफर

अनीश दयाल सिंह का जन्म 1964 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ था। 1988 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में चयन के बाद उन्होंने हैदराबाद की सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में अपनी ट्रेनिंग पूरी की। अपने लंबे और शानदार करियर में सिंह ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक के रूप में कार्य किया। इसके अलावा, उन्होंने सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक के रूप में अतिरिक्त प्रभार भी संभाला। पिछले साल केंद्र सरकार ने उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा था। उनके भाई, सौमित्र दयाल सिंह, इलाहाबाद हाई कोर्ट में जज रह चुके हैं, जो उनके परिवार की प्रतिष्ठा को और बढ़ाता है।

उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की भूमिका

उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में अनीश दयाल सिंह की जिम्मेदारियां अत्यंत महत्वपूर्ण होंगी। वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ मिलकर भारत की सुरक्षा नीतियों के निर्माण, कार्यान्वयन और सुधार में योगदान देंगे। उनकी भूमिका में आतंकवाद, साइबर खतरों, डेटा उल्लंघन और चोरी जैसे उभरते खतरों का आकलन करना शामिल होगा। इसके साथ ही, वह विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने और उनकी तत्परता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। विशेष रूप से, सिंह को जम्मू-कश्मीर, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर भारत में उग्रवाद जैसे आंतरिक सुरक्षा मुद्दों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव इन क्षेत्रों में प्रभावी रणनीतियों को लागू करने में सहायक होंगे।

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अनुभव और विशेषज्ञता

अनीश दयाल सिंह ने अपने करियर में विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों से निपटने का व्यापक अनुभव हासिल किया है। सीआरपीएफ, आईटीबीपी और एनएसजी जैसे प्रमुख बलों में उनकी नेतृत्व भूमिकाएं उनकी रणनीतिक सोच और संकट प्रबंधन की क्षमता को दर्शाती हैं। विशेष रूप से, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और सीमावर्ती क्षेत्रों में उनकी सेवाएं देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण रही हैं। उनकी नियुक्ति से भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे में और अधिक मजबूती आने की उम्मीद है।

भविष्य की उम्मीदें

अनीश दयाल सिंह की यह नई भूमिका देश की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके अनुभव और नेतृत्व के साथ, भारत न केवल आंतरिक खतरों से निपटने में सक्षम होगा, बल्कि साइबर सुरक्षा और आतंकवाद जैसे वैश्विक खतरों के खिलाफ भी प्रभावी रणनीति विकसित करेगा। उनकी नियुक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में एक नई ऊर्जा और दृष्टिकोण लाएगी, जो देश के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

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