रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने वैश्विक समुदाय से एक बार फिर बड़ी मदद की मांग की है। 24 जून को नीदरलैंड के द हेग (The Hague) में आयोजित एक महत्वपूर्ण रक्षा मंच पर ज़ेलेंस्की ने यूरोपीय संघ (EU) और नाटो (NATO) के देशों से आग्रह किया कि रूस के खिलाफ दबाव को और तेज़ किया जाए ताकि इस संघर्ष को जल्दी समाप्त किया जा सके।
ज़ेलेंस्की का संदेश: रूस पर बढ़ाएं दबाव, बढ़ाएं समर्थन
ज़ेलेंस्की ने कहा कि अब वक्त आ गया है जब रूस की सैन्य और आर्थिक गतिविधियों को पूरी तरह से रोकने के लिए मजबूत कदम उठाए जाएं। उनका कहना था, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारा रक्षा सामर्थ्य और हमारे साझेदारों की क्षमता शांति के लिए काम करे, न कि रूस की सनक के लिए।“
उन्होंने विशेष रूप से यह बात उठाई कि रूस अभी भी विदेशी तकनीकी पुर्जों का इस्तेमाल कर अपने हथियारों का निर्माण कर रहा है, जो वैश्विक आपूर्ति शृंखला का हिस्सा हैं। ज़ेलेंस्की ने जोर देकर कहा कि इस आपूर्ति को रोकना अत्यंत आवश्यक है ताकि रूस की हथियार निर्माण क्षमता को कमजोर किया जा सके।
NATO और EU के सामने ज़ेलेंस्की की रणनीतिक मांगें
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने NATO और EU से आग्रह किया कि वे सिर्फ सैन्य सहायता प्रदान करने तक सीमित न रहें, बल्कि यूक्रेनी रक्षा उद्योग में सीधे निवेश करें। उनका मानना है कि इससे यूक्रेन की आत्मनिर्भरता (self-reliance) बढ़ेगी और युद्ध के दौरान उसकी रणनीतिक स्थिति मजबूत होगी।
यह मांग खासतौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि लंबे समय तक चल रहे युद्ध में संसाधनों की निरंतर आपूर्ति और रक्षा उत्पादन का स्वदेशीकरण, यूक्रेन की सफलता के लिए आवश्यक माना जा रहा है।
वैश्विक इच्छाशक्ति और नेतृत्व का परीक्षण
ज़ेलेंस्की ने साफ किया कि यह संघर्ष अब केवल हथियारों का युद्ध नहीं रह गया है, बल्कि यह वैश्विक इच्छाशक्ति और नेतृत्व (global will and leadership) का भी बड़ा परीक्षण है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने समय रहते ठोस और प्रभावी कदम नहीं उठाए, तो रूस की आक्रामकता पूरे यूरोप और विश्व के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।
द हेग शिखर सम्मेलन का महत्व
आगामी NATO शिखर सम्मेलन में ज़ेलेंस्की की यह अपील रणनीतिक दबाव बनाने और वैश्विक समर्थन जुटाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह सम्मेलन इस बात की दिशा तय करेगा कि पश्चिमी देश किस हद तक यूक्रेन को समर्थन देंगे और रूस पर आर्थिक, सैन्य तथा कूटनीतिक दबाव बनाएंगे।
वैश्विक समर्थन पर सवाल
यूक्रेन की इस अपील ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि क्या पश्चिमी देश ज़ेलेंस्की की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे?
क्या NATO और EU रूस के खिलाफ ठोस और प्रभावशाली कार्रवाई करेंगे या फिर यह केवल भाषणों तक सीमित रह जाएगा? आने वाले दिनों में इस बात का साफ पता चलेगा।
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