November 14, 2025

मुंबई पुलिस पर बॉलीवुड का अन्याय? CM फडणवीस ने खोला राज, तकनीक और सुधार पर जोर!

इंडियन पुलिस फाउंडेशन 2025: मुंबई में भव्य आयोजन का उद्घाटन

20 सितंबर 2025 को मुंबई के ताज महल पैलेस होटल में इंडियन पुलिस फाउंडेशन (IPF) के वार्षिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन हुआ, जिसका थीम था ‘भारत के आर्थिक विकास के लिए पुलिस की पुनर्कल्पना’। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए पुलिसिंग के बदलते परिदृश्य, बॉलीवुड की जिम्मेदारी और तकनीकी एकीकरण पर खुलकर चर्चा की। आयोजकों को मुंबई चुनने पर बधाई देते हुए फडणवीस ने कहा, “यह शहर भारत की सबसे प्रोफेशनल पुलिस फोर्स का गढ़ है, जो हमेशा चुनौतियों का डटकर मुकाबला करती है।” कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व पुलिस प्रमुखों और विशेषज्ञों ने भाग लिया। यह आयोजन न केवल पुलिस सुधारों पर केंद्रित था, बल्कि आर्थिक विकास में कानून व्यवस्था की भूमिका को रेखांकित करता है। फडणवीस का भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जहां लाखों यूजर्स ने पुलिस की वास्तविक छवि पर बहस छेड़ दी।

बॉलीवुड पर तीखा प्रहार: ‘मुंबई पुलिस को हमेशा गलत दिखाया’

सीएम फडणवीस ने हिंदी सिनेमा पर सीधा हमला बोला, आरोप लगाते हुए कि बॉलीवुड ने मुंबई पुलिस के साथ वर्षों से अन्याय किया है। उन्होंने कहा, “कई सालों तक फिल्मों में हमारी पुलिस को हमेशा देर से पहुंचते हुए दिखाया गया, जबकि सच्चाई यह है कि मुंबई पुलिस अपराध स्थल पर सबसे पहले पहुंचती है। सिनेमा ने कभी सच्चाई को पूरी तरह सही ढंग से नहीं चित्रित किया।” उनका इशारा क्लासिक फिल्मों जैसे ‘सिंघम’ या ‘खाकी’ की ओर था, जहां पुलिस को अक्सर नकारात्मक या अव्यवस्थित दिखाया जाता है। लेकिन फडणवीस ने सकारात्मक नोट पर जोड़ा, “फिर भी, महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस ने अपने उच्च मानकों को कभी नहीं गिरने दिया। हम देशभर में भरोसेमंद पुलिस बल के रूप में पहचाने जाते हैं।” बॉलीवुड हस्तियों जैसे अक्षय कुमार और अजय देवगन ने इस पर प्रतिक्रिया दी, जहां अक्षय ने ट्वीट किया, “सीएम साहब सही कह रहे हैं, अब समय है जिम्मेदार सिनेमा का।” यह बयान फिल्म उद्योग में बहस छेड़ सकता है, जहां पुलिस को हीरो या विलेन के रूप में चित्रित करने की परंपरा रही है।

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तकनीकी क्रांति: साइबर सिक्योरिटी लैब का वैश्विक मॉडल

फडणवीस ने पुलिसिंग में तकनीक के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि महाराष्ट्र में एक उन्नत साइबर सिक्योरिटी लैब स्थापित की गई है, जिसकी तकनीक कई देशों ने अपनाने में रुचि दिखाई है। “आज हमारी पुलिस फोर्स में ऐसे अधिकारी हैं जो नई तकनीकों को न केवल समझते हैं, बल्कि उन्हें अपनाने को तैयार भी हैं। ड्रोन सर्विलांस, एआई-आधारित क्राइम प्रेडिक्शन और डिजिटल फॉरेंसिक्स जैसे उपकरण अपराध दर को 20% तक कम कर चुके हैं।” उन्होंने उदाहरण दिया कि मुंबई पुलिस की ‘सुरक्षित मुंबई’ ऐप ने लाखों नागरिकों को जोड़ा है। यह लैब साइबर अपराधों से निपटने के लिए डिजाइन की गई है, जहां हर साल 50,000 से अधिक साइबर शिकायतें दर्ज होती हैं। फडणवीस ने कहा, “आर्थिक विकास के लिए मजबूत कानून व्यवस्था जरूरी है, और तकनीक ही इसका हथियार बनेगी।” विशेषज्ञों का मानना है कि यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा।

ड्रग्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस: पुलिस में सख्ती का ऐलान

कार्यक्रम में फडणवीस ने ड्रग्स और नशीले पदार्थों के खतरे पर चेतावनी दी। “अगर पुलिस बल में कोई व्यक्ति ड्रग्स नेटवर्क में शामिल पाया जाता है, तो उसे सीधे बर्खास्त कर दिया जाएगा। कोई छूट नहीं मिलेगी।” यह बयान हाल के बॉम्बे हाईकोर्ट केस के संदर्भ में आया, जहां ड्रग तस्करी में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता सामने आई थी। महाराष्ट्र सरकार ने ‘ड्रग-फ्री महाराष्ट्र’ अभियान के तहत 5,000 से अधिक एनएसएस वॉलंटियर्स को प्रशिक्षित किया है। फडणवीस ने युवा पीढ़ी की सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा, “पुलिस की भूमिका न केवल अपराध रोकना है, बल्कि समाज को नशे से मुक्त रखना भी।” इस दिशा में राज्य ने बॉर्डर पर एआई सीसीटीवी और कैनाइन यूनिट्स तैनात किए हैं, जिससे ड्रग जब्ती में 30% वृद्धि हुई है।

जिम्मेदार सिनेमा और युवा सुरक्षा का आह्वान

मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस मंच का उपयोग पुलिस की उपलब्धियों को उजागर करने के साथ-साथ सुधारों, जिम्मेदार सिनेमा और युवाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दों को उठाने के लिए किया। “पुलिस पुनर्कल्पना का मतलब है आधुनिकता के साथ मानवीयता को जोड़ना। बॉलीवुड से अपील है कि वे वास्तविक नायकों को सही तरीके से दिखाएं।” कार्यक्रम ने पुलिस सुधारों पर नीतिगत चर्चा को बढ़ावा दिया, जहां 500 से अधिक डेलिगेट्स ने भाग लिया। यह आयोजन महाराष्ट्र पुलिस को नई ऊर्जा देगा, जो आर्थिक हब मुंबई की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अग्रणी है। फडणवीस का संदेश स्पष्ट है – पुलिस न केवल कानून का पहरेदार, बल्कि विकास का साझेदार भी। आने वाले वर्षों में ये पहलें भारत को सुरक्षित और समृद्ध बनाएंगी।

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