दुनिया नए परमाणु युग में: चीन का हथियार विस्तार भारत के लिए बड़ा खतरा

ताज़ा रिपोर्ट ने दुनिया को आगाह किया है कि हम एक नए और बेहद खतरनाक परमाणु युग की ओर बढ़ रहे हैं। यह रिपोर्ट खासतौर पर चीन की बढ़ती परमाणु शक्ति और उसकी बदलती रणनीति को लेकर गंभीर चिंता जताती है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन अब केवल परमाणु हथियारों की संख्या ही नहीं बढ़ा रहा, बल्कि वह अपनी परमाणु नीति में भी आक्रामक बदलाव कर रहा है, जो भारत समेत पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी है।

चीन के पास अब 600 परमाणु हथियार

रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2024 तक चीन के पास करीब 500 परमाणु हथियार थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 600 हो गई है। यह भारत के 180 परमाणु हथियारों की तुलना में कहीं ज्यादा है। SIPRI का अनुमान है कि चीन 2035 तक 1,500 परमाणु हथियार बना सकता है। इससे साफ है कि चीन अब पहले की तरह ‘मिनिमम डिटरेंस’ की नीति पर नहीं चल रहा, बल्कि वह परमाणु ताकत को निर्णायक रणनीतिक हथियार के रूप में देख रहा है।

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लॉन्च-ऑन-वार्निंग की ओर झुकाव

चीन की नई नीति में सबसे अहम बदलाव ‘लॉन्च-ऑन-वार्निंग’ के सिद्धांत की ओर झुकाव है। इस नीति के तहत, चीन पर यदि परमाणु हमले की आशंका हो तो वह तुरंत जवाबी हमला कर सकता है, भले ही दुश्मन का हमला अभी पूरा न हुआ हो। यह नीति परमाणु युद्ध की आशंका को कई गुना बढ़ा सकती है, खासकर ऐसे क्षेत्रीय विवादों में जहां गलतफहमी या तकनीकी गलती से हालात तेजी से बिगड़ सकते हैं।

MIRV तकनीक और आधुनिक मिसाइलें

चीन इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें, समुद्र से मार करने वाली मिसाइलें और MIRV (मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल) तकनीक पर काम कर रहा है। MIRV तकनीक की मदद से एक ही मिसाइल कई लक्ष्यों को एकसाथ निशाना बना सकती है। यह तकनीक चीन की रणनीतिक क्षमता को कई गुना बढ़ा रही है।

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव

SIPRI की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सैन्य झड़प परमाणु संघर्ष की ओर बढ़ सकती थी। भारत द्वारा पाकिस्तान के सरगोधा और नूर खान एयरबेस पर कथित हमले ने परमाणु ठिकानों को खतरे में डाल दिया था। ऐसे घटनाक्रम दर्शाते हैं कि कैसे एक सीमित सैन्य संघर्ष भी परमाणु युद्ध में बदल सकता है।

पाकिस्तान भी पीछे नहीं

पाकिस्तान भी अपनी परमाणु क्षमता बढ़ाने में जुटा है। वह बाबर-3 जैसी समुद्र से मार करने वाली मिसाइलों को पनडुब्बियों पर तैनात कर रहा है। हालांकि पाकिस्तान का परमाणु त्रिकोण अभी विकासशील अवस्था में है, लेकिन इसमें तेजी से प्रगति हो रही है।

SIPRI की चेतावनी

SIPRI ने स्पष्ट कहा है कि परमाणु हथियार सुरक्षा की गारंटी नहीं देते। इसके लिए जिम्मेदार राजनीतिक नेतृत्व, पारदर्शिता और संयम ज़रूरी है। लेकिन आज की वैश्विक स्थिति में ये तत्व कम होते जा रहे हैं। दुनिया में भले ही कुल परमाणु हथियारों की संख्या घटी हो, लेकिन जो मौजूद हैं, वे कहीं अधिक खतरनाक और सक्रिय हैं।

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