December 9, 2025

छत्तीसगढ़ के स्कूल में मिड-डे मील बना खतरा, कुत्ते से दूषित खाना खा गए 84 बच्चे गांव में मचा हड़कंप

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले से एक बेहद चिंताजनक और हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां लच्छनपुर के शासकीय मिडिल स्कूल में 29 जुलाई को मिड-डे मील (मध्यान्ह भोजन) के दौरान भारी लापरवाही का मामला सामने आया। बताया जा रहा है कि स्कूल के रसोईघर में खाना बनते समय एक आवारा कुत्ता अंदर घुस आया और सब्ज़ी को दूषित कर दिया…सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ छात्रों ने जब यह बात शिक्षकों को बताई, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से खाना परोसने से मना किया। बावजूद इसके, मिड-डे मील तैयार करने वाले स्व-सहायता समूह ने इस चेतावनी को नज़रअंदाज़ कर दिया और वही दूषित खाना करीब 84 बच्चों को परोस दिया।

बच्चों की तबीयत बिगड़ी, गांव में मचा बवाल

जब बच्चों ने घर पहुंचकर यह बात अपने अभिभावकों को बताई, तो गुस्साए परिजनों ने स्कूल में हंगामा कर दिया। गांववालों और स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष झलेन्द्र साहू ने मौके पर पहुंचकर स्थिति की जांच की और इस घोर लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।बच्चों को तुरंत लच्छनपुर स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां 78 छात्रों को एहतियातन एंटी-रेबीज वैक्सीन की पहली डोज़ दी गई। स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी वीणा वर्मा ने बताया कि अभी तक किसी भी छात्र में संक्रमण के लक्षण नहीं पाए गए हैं, लेकिन सावधानी के तौर पर वैक्सीन दी गई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पहली डोज़ का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।

अब उठ रहे हैं कई गंभीर सवाल…

जब शिक्षकों ने साफ तौर पर मना किया था, तो फिर किसके कहने पर खाना परोसा गया?क्या बच्चों की जान की कोई कीमत नहीं?क्यों नहीं मिड-डे मील से पहले सुरक्षा और स्वच्छता की पूरी जांच की जाती है?इस घटना ने मिड-डे मील व्यवस्था की सतही निगरानी और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

आख़िर कब तक बच्चों की ज़िंदगी से यूं खिलवाड़ होता रहेगा?

अगर आप भी मानते हैं कि बच्चों की सेहत और सुरक्षा के साथ छेड़छाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, तो अपनी आवाज़ उठाइए। ये सिर्फ एक गांव की बात नहीं है यह पूरे सिस्टम की अंदरूनी खामियों को उजागर करता है।सरकार और प्रशासन को चाहिए कि दोषियों पर तुरंत कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

Share