वक्फ संशोधन बिल 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई अब सिर्फ कानूनी नहीं बल्कि एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गई है। इस सुनवाई के बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की एक टिप्पणी ने देशभर में सियासी तूफान ला दिया है। देश के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना पर सीधे-सीधे हमला बोलते हुए कहा कि सीजेआई देश में गृहयुद्ध भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। इस बयान के बाद संसद से सड़क तक बवाल मच गया है।
विपक्ष का पलटवार सीधा जेल भेजो
कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने दुबे के बयान को लोकतंत्र और न्यायपालिका पर सीधा हमला बताया है। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए कहा ये न्यायपालिका का नहीं, पूरे संविधान का अपमान है। ऐसे सांसद को तुरंत जेल भेजा जाना चाहिए।
बीजेपी अध्यक्ष ने ली दूरी
विवाद बढ़ता देख बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खुद सामने आकर बयान दिया और कहा निशिकांत दुबे की टिप्पणी पार्टी का आधिकारिक रुख नहीं है। न्यायपालिका के प्रति हमारी पूरी आस्था है।
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सुप्रीम कोर्ट की नाराज़गी
मामला जब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा तो अदालत ने भी इस पर कड़ी टिप्पणी की। सीजेआई ने कहा लोकतंत्र में किसी को भी न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है। अगर यही तरीका रहा तो जनता का विश्वास खत्म हो जाएगा।
वक्फ संशोधन बिल है क्या?
वक्फ संशोधन बिल 2025 वक्फ संपत्तियों के पुनर्निर्धारण और उनके प्रबंधन से जुड़ा है। इस पर देशभर में मुस्लिम समुदाय और कई सामाजिक संगठन पहले ही आपत्ति जता चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस बिल की वैधता को चुनौती दी गई है। जिसकी सुनवाई अभी चल रही है।
यह मामला अब सिर्फ संसद या अदालत का नहीं रह गया है। बल्कि सीधे-सीधे लोकतंत्र, संविधान और न्यायपालिका के बीच संतुलन का सवाल बन गया है। देश की निगाहें अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले और संसद की जिम्मेदारी पर टिकी हैं।
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