धोखे से रूसी सेना में भर्ती
रूस-यूक्रेन युद्ध की फ्रंटलाइन से नौ भारतीय युवाओं ने भारत सरकार को एक मार्मिक वीडियो संदेश भेजकर मदद की गुहार लगाई है। ये युवा, जो पंजाब, हरियाणा और जम्मू से हैं, का दावा है कि उन्हें नौकरी और स्टूडेंट वीजा का झांसा देकर रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया। अब उन्हें जबरदस्ती युद्ध क्षेत्र में भेजा जा रहा है। वीडियो में एक युवा, रूसी सेना की वर्दी में, भावुक होकर कहता है, “हमें जल्द से जल्द यहां से निकाल लें, हमारी जान खतरे में है।”
विदेश मंत्रालय का एक्शन
इस वीडियो के वायरल होने के बाद भारत सरकार ने त्वरित कार्रवाई शुरू की है। विदेश मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी कर भारतीय नागरिकों को ऐसे धोखाधड़ी से सावधान रहने की सलाह दी है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसे गंभीर और खतरनाक स्थिति बताते हुए कहा कि नई दिल्ली और मॉस्को में रूसी अधिकारियों को इस मामले की जानकारी दे दी गई है। मंत्रालय पीड़ित परिवारों के संपर्क में है और युवाओं को सुरक्षित वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। यह मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल रूस दौरे के दौरान भी उठाया था।
अमानवीय व्यवहार और भुखमरी
लुधियाना के समरजीत सिंह ने बताया कि उन्हें और अन्य आठ भारतीय युवाओं को फ्रंटलाइन पर तैनात किया गया है, जहां उनके साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है। उन्हें खाने-पीने की बुनियादी सुविधाएं तक नहीं दी जा रही हैं। समरजीत ने कहा, “हमें भूखा रखा जा रहा है, और हमें हर पल अपनी जान का डर सता रहा है।”
युद्ध में मौत का खतरा
हरियाणा के फतेहाबाद के अंकित ने बताया कि रूसी सैनिकों ने उन्हें बंदूक की नोक पर युद्ध में उतरने या मरने का अल्टीमेटम दिया है। अंकित, जो स्टूडेंट वीजा पर मास्को में केएफसी में पार्ट-टाइम काम करते थे, ने कहा, “हमें मास्को में नौकरी का वादा किया गया था, लेकिन हमें युद्ध के मैदान में धकेल दिया गया।” एक अन्य पीड़ित, बूटा सिंह ने खुलासा किया कि उनके ग्रुप के कुछ लोग पहले ही युद्ध में मारे जा चुके हैं, और बाकी हर दिन अपनी जिंदगी के लिए डर में जी रहे हैं।
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तस्करी रैकेट का पर्दाफाश
परिवारों ने आरोप लगाया कि एक संगठित तस्करी रैकेट इन युवाओं को युद्ध क्षेत्र में भेज रहा है। यह रैकेट न केवल युवाओं को धोखा दे रहा है, बल्कि घायलों या मृतकों को मिलने वाले मुआवजे और पेंशन को भी हड़प रहा है। दावा है कि रूस में 126 भारतीय युवा फंसे हैं, जिनमें से 15 का कोई अता-पता नहीं है।
सरकार से उम्मीद
विदेश मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और रूस में फंसे सभी भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए काम कर रहा है। प्रभावित परिवारों ने सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है ताकि उनके बच्चों को इस खतरनाक स्थिति से बचाया जा सके।

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