November 20, 2025

आंध्र प्रदेश में श्री सत्य साईं बाबा शताब्दी समारोह, ऐश्वर्या राय, पीएम मोदी और सचिन का इंसानियत संदेश

आंध्र प्रदेश में आज इतिहास बन गया। एक ही मंच पर तीन प्रतिष्ठित चेहरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर और विश्व सुंदरी व बॉलीवुड स्टार ऐश्वर्या राय बच्चन। यह मौका था श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह का।
यह सिर्फ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि भारत की आध्यात्मिक विरासत, सामाजिक एकता और मानवता के संदेश को दुनिया तक पहुंचाने वाला अवसर बन गया।

ऐश्वर्या राय का संस्कार: सम्मान का प्रतीक

जब ऐश्वर्या राय मंच पर पहुंचीं, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरण छूकर सम्मान व्यक्त किया।भीड़ तालियों से गूंज उठी। हर कोई खड़ा हो गया।यह सिर्फ एक अभिवादन नहीं था, बल्कि भारत की संस्कारों में रचा-बसा आदर, विनम्रता और परंपरा का सजीव उदाहरण था। आधुनिक ग्लैमर की दुनिया की सबसे चमकदार हस्तियों में से एक होने के बावजूद, ऐश्वर्या ने इस सम्मान से दिखाया कि भारतीय संस्कृति कभी पुरानी नहीं होती, वह हमारे चरित्र को सजाती है।

इंसानियत, प्रेम और धर्म पर दिल से संदेश

अपने भाषण में ऐश्वर्या राय बच्चन ने धर्म, प्रेम और विविधता पर गहरी बात कही। उन्होंने कहा हम पहले इंसान हैं, बाकी सब बाद में।यह संदेश सीधी दिल तक उतर गया। उन्होंने कहा कि प्यार बांटता नहीं, जोड़ता है और अगर इंसानियत ज़िंदा है, तो दुनिया में नफरत की कोई जगह नहीं।एक ऐसी दुनिया में जहां धर्म और पहचान के नाम पर दीवारें खड़ी की जा रही हैं, ऐश्वर्या का यह संदेश एक आधुनिक आध्यात्मिक चेतावनी जैसा था।

भारत की एकता की ताकत: विविधता में प्रेम

ऐश्वर्या ने कहा कि भारत की असली ताकत उसकी विविधता है..भाषा बदल जाए, रीति बदल जाए, धर्म बदल जाए…
लेकिन दिल से निकला प्यार ही हमें एक करता है।भारत सिर्फ भूगोल का नाम नहीं, यह सह-अस्तित्व, सद्भाव और सम्मान की धरती है। यही संदेश इस मंच से पूरी दुनिया तक गया।

एक सितारा, लेकिन संदेश सार्वभौमिक

आज जब दुनिया धर्म और पहचान की राजनीति में उलझी है, एक बॉलीवुड स्टार ने याद दिलाया कि धर्म का असली नाम इंसानियत है।
उन्होंने किसी विवाद, किसी मत की बात नहीं की…उन्होंने सिर्फ प्रेम, एकता और सम्मान का रास्ता दिखाया—जो आज वैश्विक संवाद की सबसे बड़ी जरूरत है।

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