बिहार की राजनीति में एक बार फिर नया मोड़ आ गया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इस वक्त एक बड़े विवाद के घेरे में हैं। तेजस्वी का दावा है कि हाल ही में जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से उनका नाम गायब कर दिया गया है। लेकिन अब इस दावे पर चुनाव आयोग ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
तेजस्वी का दावा: वोटर लिस्ट से नाम गायब!
कुछ दिन पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने दावा किया कि “ड्राफ्ट मतदाता सूची में मेरा नाम ही नहीं है।” उन्होंने एक EPIC नंबर – RAB2916120 भी सार्वजनिक किया और कहा कि उनके पास वैध मतदाता पहचान पत्र मौजूद है, लेकिन जब रिकॉर्ड की जांच की गई, तो वह नंबर उपलब्ध ही नहीं था।
चुनाव आयोग ने मांगा जवाब, भेजा नोटिस
तेजस्वी यादव के इस बयान को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग ने उन्हें औपचारिक नोटिस भेज दिया है। आयोग का कहना है कि आपके द्वारा दिया गया EPIC नंबर रिकॉर्ड में नहीं मिला है, कृपया मूल वोटर ID की कॉपी सौंपें ताकि सत्यापन किया जा सके।
तेजस्वी का पलटवार, लेकिन DM ने किया खंडन
तेजस्वी यादव ने अपनी सफाई में कहा कि मेरे द्वारा नंबर सार्वजनिक किए जाने के बाद, उसे बदल दिया गया।” लेकिन इस बयान को लेकर पटना के जिला मजिस्ट्रेट त्यागराज एसएम ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि:2020 के विधानसभा चुनावों में तेजस्वी यादव ने जो हलफनामा दायर किया था, उसमें यही EPIC नंबर दर्ज है।अगर अब कोई दूसरा नंबर वाला वोटर ID सामने आता है, तो यह गंभीर जांच का विषय होगा।”
अब सामने आ रहे हैं ये बड़े सवाल
क्या तेजस्वी यादव के दावे में सच्चाई है, या यह सिर्फ़ राजनीतिक दबाव बनाने की रणनीति है?अगर EPIC नंबर बदला गया, तो किसने और क्यों बदला? क्या एक बड़े नेता का नाम वाकई वोटर लिस्ट से गायब हो सकता है? क्या यह सिर्फ एक प्रशासनिक गलती है या जानबूझकर फैलाई जा रही ग़लतफहमी?
मामले की जांच जरूरी
इस पूरे विवाद से बिहार की चुनावी पारदर्शिता और प्रशासनिक प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। यदि वाकई कोई फर्जी वोटर ID मौजूद है, या एक ही व्यक्ति के नाम से दो अलग-अलग EPIC नंबर हैं, तो यह एक गंभीर संवैधानिक मामला बन सकता है।

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