December 10, 2025

भारत पर ट्रंप का बड़ा आरोप रूस से तेल खरीद पर उठाए सवाल, टैरिफ बढ़ाने की धमकी

भारत और अमेरिका के बीच हाल के दिनों में कूटनीतिक तनाव तेज़ हो गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि भारत भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है और फिर इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में मुनाफे के साथ बेच रहा है। साथ ही ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यदि भारत अपनी नीति नहीं बदलता है, तो अमेरिका भारत से आने वाले सामान पर 25% टैरिफ लगाएगा।

ट्रंप का आरोप: भारत को परवाह नहीं रूस-यूक्रेन युद्ध की

ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा भारत रूस से सस्ते में तेल खरीदता है और उसे ऊंचे दामों पर दुनिया में बेचता है। उन्हें कोई परवाह नहीं कि रूस यूक्रेन में क्या कर रहा है। अमेरिका अब भारत पर सख्त टैरिफ लगाने वाला है।”यह बयान अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनाव से पहले आया है, जब ट्रंप अपनी छवि को मज़बूत करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह भारत के खिलाफ कोई राजनीतिक चाल है या फिर अमेरिका की असली नीति?

भारत का सख्त और संतुलित जवाब

भारत ने ट्रंप के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि रूस से तेल खरीदना देश की आर्थिक ज़रूरत है, न कि कोई राजनीतिक स्टैंड। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया भारत अपनी ऊर्जा ज़रूरतों को देखते हुए फैसले लेता है। रूस से सस्ते दाम पर तेल मिल रहा है, जिससे देश में ईंधन की कीमतें नियंत्रण में हैं। भारत ने यह भी दोहराया कि जब अमेरिका और कई यूरोपीय देश खुद रूस से व्यापार कर रहे हैं, तो फिर सिर्फ भारत को क्यों निशाना बनाया जा रहा है?

मामला सिर्फ तेल का नहीं, राष्ट्रीय हित का है

इस पूरे विवाद को केवल भारत-रूस तेल व्यापार के नजरिए से देखना सही नहीं होगा। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक संप्रभुता, और भू-राजनीतिक स्वतंत्रता का है। भारत ने हमेशा कहा है कि उसकी विदेश नीति स्वतंत्र है और वह अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर फैसले करता है।भारत की नीति का एक अहम हिस्सा यह भी है कि वह किसी एक ध्रुव के साथ खड़ा न होकर, बहुध्रुवीय दुनिया की ओर बढ़ रहा है।

टैरिफ का असर केवल भारत पर नहीं, अमेरिका पर भी

यदि अमेरिका भारत पर 25% टैरिफ लगाता है, तो इसका नुकसान सिर्फ भारत को नहीं, बल्कि अमेरिका की कंपनियों को भी होगा। अमेरिका की कई बड़ी टेक और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां भारत को एक बड़ा बाज़ार मानती हैं। टैरिफ लगाने से उनके कारोबार पर असर पड़ेगा और भारत में उनके निवेश की संभावनाएं कम हो सकती हैं।

क्या भारत झुकेगा ट्रंप की धमकी के आगे?

इतिहास गवाह है कि भारत ने हमेशा अपनी नीति अपने हितों और ज़रूरतों के आधार पर तय की है, चाहे वह रूस से तेल खरीद हो या अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर स्वतंत्र राय देना। ऐसे में यह संभावना कम ही है कि भारत अमेरिका या ट्रंप के दबाव में आएगा।

ट्रंप की धमकी या चुनावी रणनीति?

यह पूरा मामला ऐसे समय में सामने आया है। जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव नज़दीक हैं। ट्रंप भारत, चीन जैसे देशों पर सख्त रवैया दिखाकर घरेलू वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत पर टैरिफ की धमकी देना भी एक चुनावी चाल हो सकती है। भारत की ओर से संदेश साफ है । जब बाराष्ट्रीय हित की हो, तो कोई भी देश, चाहे वो अमेरिका ही क्यों न हो, भारत को अपनी नीति बदलने के लिए मजबूर नहीं कर सकता भारत रूस तेल व्यापार, ट्रंप भारत पर आरोप, अमेरिका भारत टैरिफ, भारत-अमेरिका तनाव, ट्रंप चुनावी चाल, भारत विदेश नीति, रूस से तेल खरीद, भारत की आर्थिक नीति, ट्रंप भारत धमकी, चुनावी राजनीति अमेरिका


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