August 28, 2025

ग्रेटर नोएडा में दहेज की मांग पर महिला को जिंदा जलाया गया, पति और सास पर आरोप

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। यह एक ऐसी घटना है, जो समाज के उस काले सच को उजागर करती है जो आज भी महिलाओं की ज़िंदगी को नरक बना रहा है — दहेज प्रथा और घरेलू हिंसा।इस बार पीड़िता बनी है निक्की, जिसकी शादी 2016 में हुई थी। निक्की दादरी के रूपबास गांव की रहने वाली थी। शादी के बाद से ही उसका जीवन तकलीफों और यातनाओं से भर गया था।

पति की शराबखोरी और विवाहेतर संबंधों का आरोप

निक्की के परिजनों ने बताया कि उसका पति विपिन भाटी शराब का आदी था। इतना ही नहीं, उस पर विवाह के बाद भी अन्य महिलाओं से संबंध रखने के गंभीर आरोप हैं। इन वजहों से निक्की को न केवल मानसिक प्रताड़ना सहनी पड़ी, बल्कि आए दिन उसे शारीरिक हिंसा का भी सामना करना पड़ता था।विपिन और उसकी मां द्वारा दहेज की लगातार मांग की जाती थी, और मना करने पर निक्की को मारा-पीटा जाता था।

जलाकर मारने का आरोप पेट्रोल डालकर की गई हत्या

घटना के दिन आरोप है कि विपिन और उसकी मां ने मिलकर निक्की के ऊपर पेट्रोल छिड़क कर उसे आग के हवाले कर दिया। वह चीखती रही, मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन किसी ने उसे नहीं बचाया। गंभीर रूप से झुलसी निक्की को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।परिवार वालों ने जब पुलिस को सूचना दी, तो मामले की FIR दर्ज की गई और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

समाज के लिए एक शर्मनाक आईना

यह घटना न सिर्फ एक परिवार की बेटी को छीन ले गई, बल्कि यह हमारे समाज के लिए एक शर्मनाक आईना भी है। दहेज जैसी प्रथा को हमने कानूनों में भले ही अपराध घोषित कर दिया हो, लेकिन यह अभी भी लोगों की मानसिकता से निकला नहीं है।महिलाओं के खिलाफ इस तरह की घरेलू हिंसा और सामाजिक उत्पीड़न तब तक खत्म नहीं होंगे जब तक समाज, प्रशासन और कानून एकजुट होकर कठोर कदम नहीं उठाते।

क्या निक्की को न्याय मिलेगा?

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या निक्की को इंसाफ मिलेगा? क्या उसका पति और सास, जो इस अमानवीय कृत्य के आरोपी हैं, उन्हें सजा मिलेगी?पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन जैसे-जैसे ऐसे मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है, आमजन में न्याय व्यवस्था की धीमी प्रक्रिया को लेकर चिंता भी गहराती जा रही है।निक्की की मौत सिर्फ एक महिला की मौत नहीं है, यह पूरे समाज की संवेदनहीनता का सबूत है। ऐसे मामलों में जल्द से जल्द न्याय और कड़ी सजा ही एकमात्र रास्ता है, ताकि आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित महसूस कर सकें।

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