उत्तर प्रदेश की राजनीति में 2027 विधानसभा चुनाव की आहट अब से सुनाई देने लगी है। चुनाव भले ही डेढ़ साल दूर हों, लेकिन सियासी दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। हाल ही में बाराबंकी में ABVP कार्यकर्ताओं और छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। ABVP पहले ही पुलिस और प्रशासन से नाराज़ थी, लेकिन मामला और गरमाया जब मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बयान दिया कि ABVP के कार्यकर्ता “गुंडे” हैं।
ABVP का विरोध और मशाल जुलूस
राजभर के इस बयान के बाद ABVP और ज्यादा भड़क गई। लखनऊ में कार्यकर्ताओं ने मशाल जुलूस निकालकर साफ संदेश दिया कि राजभर को माफी मांगनी चाहिए। इस प्रदर्शन ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया मोड़ ला दिया।
अखिलेश यादव का हमला
इसी मौके को पकड़ते हुए अखिलेश यादव ने बीजेपी और उसके सहयोगियों पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि जब अपने ही सहयोगी ABVP पर लाठीचार्ज हो रहा है और मंत्री उन्हें “गुंडा” कह रहे हैं, तो इस सरकार की एकजुटता पर सवाल उठता है।अखिलेश यादव 2027 की तैयारी में अभी से बीजेपी और उसके सहयोगियों के बीच दरार डालने की कोशिश कर रहे हैं।
भविष्य की राजनीति
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि राजभर अपने बयान पर टिके रहेंगे या ABVP के दबाव में झुकेंगे।यह विवाद आने वाले दिनों में यूपी राजनीति में सियासी खींचतान बढ़ा सकता है।विशेषज्ञ मानते हैं कि ये मामला 2027 तक एनडीए के लिए सिरदर्द बन सकता है।उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दल हमेशा सत्ता और सहयोगियों के बीच सामंजस्य बनाए रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस तरह के विवाद सियासी रणनीति और विरोध को और तेज कर देते हैं।
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