अडानी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ) ने वित्त वर्ष 2024-25 में इतिहास रच दिया है। कंपनी ने ₹11,061 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज कर नया रिकॉर्ड बनाया है, जो पिछले साल की तुलना में 37 प्रतिशत की बढ़त दर्शाता है। यह अब तक का सबसे अधिक वार्षिक मुनाफा है जिसे कंपनी ने हासिल किया है।
गुरुवार को जारी कंपनी की वार्षिक वित्तीय रिपोर्ट में इस जबरदस्त उपलब्धि का खुलासा किया गया। इस शानदार प्रदर्शन ने अडानी पोर्ट्स को देश की सबसे तेज़ी से बढ़ती इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में एक बार फिर शामिल कर दिया है।
उत्तर भारत के लिए क्या है मायने?
अडानी पोर्ट्स का यह आर्थिक प्रदर्शन उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली NCR के लिए बेहद अहम है। कंपनी इन राज्यों में ड्राई पोर्ट्स, वेयरहाउसिंग हब्स, और लॉजिस्टिक्स कोरिडोर्स पर निवेश कर रही है। इससे इन क्षेत्रों में उद्योगों को तेज़ कनेक्टिविटी और सप्लाई चेन में मजबूती मिल रही है।
यही नहीं, अडानी पोर्ट्स द्वारा इन राज्यों में बन रहे लॉजिस्टिक्स पार्क्स से MSMEs और निर्यातकों को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार से जुड़ने का बेहतर अवसर मिला है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिल रही है।
मुनाफे के पीछे की बड़ी वजहें
- कंटेनर और कार्गो ट्रैफिक में वृद्धि – कंपनी के पोर्ट्स पर कंटेनर और थोक माल की आवाजाही में तेज़ी आई है।
- प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण – AI आधारित ट्रैकिंग, स्मार्ट पोर्ट्स और ऑटोमेशन से संचालन की लागत में कटौती।
- नए टर्मिनलों और पोर्ट्स का विस्तार – मुंद्रा, धानू, हज़ीरा, कांडला जैसे पोर्ट्स में बड़े निवेश।
- मल्टी-कॉमोडिटी फोकस – कोयला, उर्वरक, सीमेंट, खाद्यान्न और पेट्रोलियम जैसी कई श्रेणियों में मजबूती।
अडानी पोर्ट्स के चेयरमैन का बयान
गौतम अडानी ने इस मौके पर कहा,
“यह सिर्फ मुनाफे की बात नहीं है, यह भारत की बदलती कारोबारी ताकत और वैश्विक सप्लाई चेन में हमारे बढ़ते योगदान का प्रमाण है।”
निवेशकों और शेयर बाजार की प्रतिक्रिया
इस वित्तीय प्रदर्शन का असर शेयर बाज़ार में भी साफ देखने को मिला। अडानी पोर्ट्स के शेयरों में दिनभर में तेज़ी दर्ज की गई और निवेशकों में जबरदस्त भरोसा नज़र आया। कंपनी की मजबूती और भविष्य की योजनाओं को देखते हुए विश्लेषकों ने इसके प्रदर्शन को स्थिर और भरोसेमंद बताया है।
भविष्य की रणनीति
अडानी पोर्ट्स आने वाले समय में न केवल भारत में बल्कि दक्षिण एशिया, अफ्रीका और मिडल ईस्ट में भी अपने पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स ऑपरेशंस का विस्तार करने की योजना पर काम कर रही है। साथ ही, कंपनी का फोकस अब ग्रीन पोर्ट्स यानी पर्यावरण-अनुकूल बंदरगाहों पर भी है।
₹11,061 करोड़ का यह रिकॉर्ड मुनाफा सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, यह भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की वैश्विक स्तर पर बढ़ती पहचान का प्रमाण है। अडानी पोर्ट्स का यह प्रदर्शन यह भी दर्शाता है कि किस तरह से भारतीय कंपनियां तकनीक, दक्षता और दूरदृष्टि के ज़रिए दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को टक्कर दे रही हैं।
उत्तर भारत जैसे क्षेत्र जहां लॉजिस्टिक्स की जरूरत तेजी से बढ़ रही है, वहां अडानी पोर्ट्स की मौजूदगी आने वाले वर्षों में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को और अधिक मजबूती देने वाली है।
संबंधित पोस्ट
दीपिका कक्कड़ के लीवर में ट्यूमर, शोएब ने बताया हाल
ऑपरेशन सिंदूर: राजनाथ सिंह का आतंकवाद पर कड़ा संदेश
भारत-पाक तनाव के बीच साइबर अलर्ट: पहलगाम हमले के बाद सरकार ने सुरक्षा कड़ी की