अमित शाह बोले – अब पश्चिम बंगाल में भी खिलेगा कमल

केंद्रीय गृहमंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि दिल्ली में कमल खिल गया है और अब बस पश्चिम बंगाल बचा है। आयुष्मान भारत योजना पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में भी कमल खिलेगा और वहाँ भी आयुष्मान भारत योजना लागू होगी।

अमित शाह का बयान

लोकसभा में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक 2025 पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “इस सदन में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक 2025 पर लगभग 3 घंटे से चर्चा चल रही है। हर गांव में कोई न कोई इकाई ऐसी है जो सहकारिता के माध्यम से कृषि विकास, ग्रामीण विकास और स्वरोजगारी के काम में जुटी हुई है और देश की प्रगति में योगदान दे रही है।”

उन्होंने यह भी बताया कि इस विधेयक के पारित होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, स्वरोजगार और लघु उद्यमिता का विकास होगा, सामाजिक समावेश भी बढ़ेगा और नवाचार एवं अनुसंधान के नए मानक स्थापित होंगे।

पश्चिम बंगाल पर बड़ा दावा

अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि पश्चिम बंगाल में भी जल्द ही भाजपा की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा, दिल्ली में कमल खिल गया है और अब आयुष्मान भारत दिल्ली में भी है। अब सिर्फ पश्चिम बंगाल बचा है  चुनाव के बाद वहाँ भी कमल खिलेगा और आयुष्मान भारत योजना पश्चिम बंगाल में भी आएगी।

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त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक का महत्व

अमित शाह ने कहा कि इस विधेयक से सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसानों, ग्रामीण उद्यमियों और छोटे व्यवसायियों को नए अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय रखने का निर्णय लिया गया है ताकि यह सहकारिता आंदोलन को समर्पित रहे।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ

अमित शाह के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। भाजपा इसे अपनी आगामी रणनीति के रूप में देख रही है, जबकि तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पश्चिम बंगाल में चुनावी माहौल गर्माने के संकेत मिल रहे हैं।

अमित शाह के इस बयान से स्पष्ट है कि भाजपा पश्चिम बंगाल को अपने अगले राजनीतिक लक्ष्य के रूप में देख रही है। आगामी चुनावों में भाजपा की रणनीति और बंगाल में उसकी बढ़ती सक्रियता पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावी समीकरण किस दिशा में जाते हैं और क्या भाजपा अपने दावे को साकार कर पाती है।

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