October 15, 2025

अनंत अंबानी की जामनगर से द्वारकाधीश तक पदयात्रा, 30वें जन्मदिन से पहले आध्यात्मिक सफर

भारत के सबसे अमीर कारोबारी घराने के वारिस अनंत अंबानी इन दिनों एक अलग ही सफर पर हैं। किसी बिजनेस मीटिंग या इंटरनेशनल ट्रिप पर नहीं, बल्कि वो निकले हैं आस्था और आत्मिक शांति की 170 किलोमीटर लंबी पदयात्रा पर।

जन्मदिन से पहले आध्यात्मिक यात्रा

अपने 30वें जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले, अनंत अंबानी 8 अप्रैल को द्वारका नगरी पहुंचेंगे। इस पदयात्रा की शुरुआत उन्होंने 29 मार्च को जामनगर से की थी। यह यात्रा सिर्फ पैरों की नहीं, मन और आत्मा की भी यात्रा है, जिसमें वे स्वयं को भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में समर्पित कर रहे हैं।

 जामनगर से द्वारका —श्रद्धा से भरा सफर

170 किलोमीटर की इस कठिन यात्रा में अनंत अंबानी ने गांव-गांव, मंदिरों और धार्मिक स्थलों में रुककर दर्शन किए। यात्रा का हर पड़ाव भक्ति से भरा रहा। आम लोग, स्थानीय श्रद्धालु और ग्रामीण भी इस यात्रा का हिस्सा बने और उन्होंने अनंत अंबानी को आशीर्वाद दिया।

आध्यात्मिकता के प्रति गहरा लगाव

यह पहली बार नहीं है जब अनंत अंबानी ने अपने जीवन में भक्ति और अध्यात्म को प्रमुखता दी हो। इससे पहले भी वे बड़े धार्मिक आयोजनों और मंदिरों में नियमित रूप से देखे गए हैं। उनकी यह पदयात्रा उनके आध्यात्मिक झुकाव और पारिवारिक संस्कारों को भी दर्शाती है।

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 क्यों खास है द्वारका?

द्वारका, भगवान श्रीकृष्ण की कर्मभूमि और चारधामों में से एक प्रमुख तीर्थस्थल है। ऐसी मान्यता है कि यहां पहुंचकर दर्शन करने से जन्म-जन्मांतर के पाप कट जाते हैं और मन को सच्चा शांति मिलती है।

बिज़नेस की चमक-दमक और अरबों की दौलत से परे, जब एक युवा दिल श्रद्धा के रास्ते पर निकलता है, तो वह करोड़ों लोगों को प्रेरणा देता है। अनंत अंबानी की यह पदयात्रा न सिर्फ एक निजी श्रद्धा है, बल्कि एक संदेश है — कि आधुनिकता में रहकर भी भक्ति और संस्कृति से जुड़ा जा सकता है।

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