दिल्ली में पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ कैंडल मार्च

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 27 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या के बाद, दिल्ली में विभिन्न सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने इस हमले के खिलाफ कैंडल मार्च आयोजित किया। यह मार्च आतंकवाद के खिलाफ लोगों की एकजुटता और विरोध का प्रतीक बन गया।

कैंडल मार्च में लोगों ने जताया शोक और विरोध

दिल्ली के प्रमुख इलाकों में हजारों लोग इकट्ठा हुए और कैंडल जलाकर आतंकवाद के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त किया। मार्च में विभिन्न समुदायों और धर्मों के लोग एक साथ खड़े होकर इस हमले की कड़ी निंदा कर रहे थे। लोग शांति की कामना करते हुए कैंडल्स थामे हुए थे, और हर कदम पर “आतंकवाद मुर्दाबाद” के नारे लगाए गए। प्रदर्शनकारियों ने इस कैंडल मार्च के माध्यम से यह संदेश दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है और हम इसे जड़ से समाप्त करेंगे। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और सरकार से आतंकवादियों के खिलाफ और कठोर कदम उठाने की अपील की।

कैंडल मार्च के दौरान शांति और एकता का संदेश

कैंडल मार्च में भाग लेने वालों का कहना था कि यह केवल एक विरोध प्रदर्शन नहीं था, बल्कि यह देश की एकता और शांति का संदेश था। “हम सब एक हैं, आतंकवाद के खिलाफ हम सब एकजुट हैं”—यह नारा पूरे मार्च में गूंजता रहा।

राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की भागीदारी

इस कैंडल मार्च में राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, और सामान्य नागरिकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की। उनके मुताबिक, यह वक्त है जब भारत को आतंकवाद के खिलाफ पूरी ताकत से खड़ा होना चाहिए, ताकि देशवासियों को सुरक्षित महसूस हो सके।

भारत का आतंकवाद के खिलाफ संकल्प

कैंडल मार्च के बाद प्रदर्शनकारियों ने यह ठान लिया कि हम आतंकवादियों को माफ नहीं करेंगे और हम अपने देश को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। दिल्ली में यह मार्च एक बार फिर से यह सिद्ध करता है कि भारतीय समाज आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है और इसके खिलाफ लड़ाई को किसी भी कीमत पर जारी रखेगा।

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