पाकिस्तान के उकसावे का मुंहतोड़ जवाब देगी भारतीय सेना

भारतीय सेना ने रविवार को स्पष्ट किया कि पश्चिमी सीमा पर तैनात कमांडरों को पाकिस्तान द्वारा किसी भी युद्धविराम उल्लंघन का जवाब देने के लिए पूर्ण स्वतंत्रता दी गई है। यह बयान 10 मई 2025 को हुई डीजीएमओ स्तर की वार्ता में बनी सहमति के बाद आया है। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पश्चिमी सीमा के सेना कमांडरों के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया। सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा, “10-11 मई 2025 की रात को युद्धविराम और हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के बाद, जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने स्थिति का जायजा लिया और कमांडरों को उल्लंघन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की पूरी छूट दी।”

ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ भारत का नया रुख
सरकारी सूत्रों ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि 7 मई के हमलों के बाद, “पाकिस्तान की हर कार्रवाई का कड़ा जवाब दिया गया।” ऑपरेशन सिंदूर, जो अभी समाप्त नहीं हुआ है, भारत की सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ नीति में बदलाव का प्रतीक है। यह ऑपरेशन 7 मई को शुरू हुआ था, जब भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में थी, जिसमें 26 नागरिकों, जिसमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था, की मौत हुई थी। ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की नीति को स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की किसी भी आक्रामकता का जवाब कड़ा होगा, और यदि पाकिस्तान शत्रुता बंद करता है, तो भारत भी जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा।

पाकिस्तान के साथ सीमित संवाद और कड़ा रुख
अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान के साथ संवाद केवल डीजीएमओ स्तर तक सीमित रहेगा, और कोई अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा नहीं होगी। कश्मीर के संबंध में भारत केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए क्षेत्रों की वापसी पर बात करने को तैयार है। इसके अलावा, भारत ने सिंधु जल संधि को आतंकवाद से जोड़ दिया है। अधिकारियों ने कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करता रहेगा, यह संधि निलंबित रहेगी। भारत ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद की कीमत बढ़ाई जाएगी, और पाकिस्तान चुनिंदा सहयोग की उम्मीद में आतंकी गतिविधियां जारी नहीं रख सकता।

युद्धविराम उल्लंघन और भारत की प्रतिक्रिया
7 मई के हमलों के बाद, सीमा पार से गोलीबारी में वृद्धि हुई, जिसका भारत ने कड़ा जवाब दिया। सीमावर्ती क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी किया गया और पाकिस्तानी हमलों के दौरान बिजली कटौती का सामना करना पड़ा। 10 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल के माध्यम से भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा की। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन किया। श्रीनगर में बिजली कटौती के दौरान भारत ने पाकिस्तानी ड्रोन को रोका। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक विशेष ब्रीफिंग में कहा कि यह उल्लंघन गंभीर था और भारत ऐसे उल्लंघनों को गंभीरता से लेता है।

प्रधानमंत्री की उच्च स्तरीय बैठक
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, तीनों सेनाओं के प्रमुख, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल और रक्षा स्टाफ प्रमुख जनरल अनिल चौहान शामिल हुए। यह बैठक भारत की रणनीति को और मजबूत करने और पाकिस्तान की किसी भी उकसावे का जवाब देने के लिए थी। भारत ने स्पष्ट किया कि वह शांति चाहता है, लेकिन अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा।

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