पश्चिम बंगाल विधानसभा का विशेष सत्र मंगलवार को जबरदस्त हंगामे की भेंट चढ़ गया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सदन के भीतर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए “मोदी चोर, बीजेपी चोर” और “बीजेपी हटाओ, देश बचाओ” जैसे नारे करीब बीस बार दोहराए। उनकी इस नारेबाज़ी ने सदन का माहौल पूरी तरह से गर्मा दिया और सत्ता-पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए।
नारेबाज़ी से गरमा गया सदन
करीब 40 सेकंड तक चले नारों के बाद टीएमसी और बीजेपी विधायकों के बीच तीखी बहस और नोकझोंक शुरू हो गई। हालात इतने बिगड़ गए कि विधानसभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी समेत पांच बीजेपी विधायकों को निलंबित कर दिया।
शंकर घोष की तबीयत बिगड़ी
सबसे बड़ी घटना तब घटी जब बीजेपी विधायक शंकर घोष को मार्शलों ने बाहर निकालने की कोशिश की। इस दौरान धक्का-मुक्की में वह बेहोश होकर फर्श पर गिर पड़े। उन्हें तत्काल एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। बीजेपी ने इस घटना को “मुख्यमंत्री के इशारे पर किया गया हमला” बताया और इसे पूरे “मोदी समुदाय” का अपमान करार दिया।
आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि उन्होंने मोदी समुदाय को गाली दी और उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा। दूसरी ओर ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा बीजेपी बंगालियों के उत्पीड़न पर चर्चा नहीं चाहती। यह भ्रष्ट और वोट चोरों की पार्टी है। हमने संसद में देखा कि किस तरह बीजेपी ने हमारे सांसदों को दबाने के लिए CISF का इस्तेमाल किया। आने वाले वक्त में बीजेपी का एक भी विधायक विधानसभा में नहीं बचेगा।
चुनावी माहौल में बढ़ता तनाव
बता दें कि यह विशेष सत्र बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों पर हो रहे कथित हमलों के विरोध में बुलाया गया था। लेकिन अब हर दिन यह सत्र हंगामे और सियासी हमलों का अड्डा बन चुका है। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में ममता बनर्जी का यह आक्रामक रुख और बीजेपी की पलटवार रणनीति राजनीतिक तापमान को और ज्यादा बढ़ा रही है।

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