देश में सुरक्षा को लेकर सजगता और प्रतिक्रिया क्षमता को परखने के लिए गृह मंत्रालय के निर्देश पर 7 मई को देशभर में एक बड़ी मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। मुंबई इस अभ्यास का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनकर उभरा है, जहां युद्ध जैसी आपातकालीन स्थिति में लोगों और संस्थानों की तैयारियों को परखा जाएगा।
मुंबई में बजेंगे 60 सायरन, दक्षिण मुंबई में जन-जागरूकता
बुधवार शाम 4 बजे मुंबई के विभिन्न हिस्सों में एक साथ 60 जगहों पर सायरन बजाए जाएंगे। इन सायरनों के जरिए नागरिकों को अलर्ट किया जाएगा, ताकि यह परखा जा सके कि संकट की घड़ी में लोग कितनी जल्दी और सही प्रतिक्रिया देते हैं।
दक्षिण मुंबई के एक मैदान में स्थानीय नागरिकों को इकट्ठा कर यह बताया जाएगा कि युद्ध जैसी स्थिति में उन्हें कैसे व्यवहार करना चाहिए। उन्हें सुरक्षित स्थानों की पहचान, प्राथमिक चिकित्सा, और सरकारी दिशानिर्देशों के पालन की जानकारी दी जाएगी।
ब्लैकआउट की रणनीति, नागरिकों की सुविधा का ध्यान
सिविल डिफेंस के अधिकारियों के अनुसार, पूरी मुंबई में ब्लैकआउट करना व्यावहारिक नहीं होगा, क्योंकि इससे आम नागरिकों को भारी परेशानी हो सकती है। इसलिए, मुंबई के उपनगर में एक सीमित क्षेत्र में ब्लैकआउट की योजना पर काम किया जा रहा है।
यह ब्लैकआउट अभ्यास इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी भी युद्ध या आपदा की स्थिति में बिजली गुल करना सुरक्षा की एक रणनीति होती है, जिससे दुश्मन को लोकेशन का पता लगाने में मुश्किल होती है।
CSMT पर सुरक्षा बलों का अभ्यास
मध्य रेलवे के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) पर भी मॉक ड्रिल की तैयारी जोरों पर है। RPF की टीम खोजी कुत्तों और हाई-टेक उपकरणों के साथ सुरक्षा रिहर्सल करती नजर आई।
अभ्यास के दौरान RPF के जवान हथियारों से लैस होकर प्लेटफॉर्म, टिकट काउंटर और इमारत के बाहरी हिस्सों में गश्त करते दिखे। इन गतिविधियों का मकसद रेलवे जैसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में त्वरित प्रतिक्रिया देने की क्षमता को मजबूत करना है।
देशव्यापी मॉक ड्रिल की पृष्ठभूमि
यह मॉक ड्रिल ऐसे समय में हो रही है जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले के बाद भारत सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने का निर्णय लिया है।
मॉस्क ड्रिल का आयोजन गृह मंत्रालय के उस निर्देश का हिस्सा है जिसमें देश के 244 जिलों में एक साथ मॉक ड्रिल करने के आदेश दिए गए हैं। इसका उद्देश्य न केवल संस्थानों की प्रतिक्रिया को परखना है, बल्कि आम नागरिकों को भी आपदा प्रबंधन की बारीकियों से अवगत कराना है।
नागरिक सुरक्षा और संस्थागत तैयारी की बड़ी पहल
मुंबई में यह मॉक ड्रिल एक तरह से सामूहिक सुरक्षा और सामुदायिक जागरूकता का प्रयास है। युद्ध जैसी स्थिति में नागरिकों को भ्रमित होने के बजाय योजनाबद्ध तरीके से कार्य करना चाहिए, और यह तभी संभव है जब वे ऐसे अभ्यासों के माध्यम से पहले से तैयार हों।
सिविल डिफेंस विभाग की ओर से इस मॉक ड्रिल को लेकर विस्तृत गाइडलाइन और दिशा-निर्देश भी जारी किए जाएंगे। देर शाम तक इसका आधिकारिक बयान आने की संभावना है।
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