दिल्ली वालों के लिए एक नया नियम लागू होने जा रहा है। अब आपके घर से कचरा उठाने की सेवा मुफ्त नहीं रहेगी। नगर निगम (MCD) ने फैसला लिया है। कि हर घर को इस सुविधा के लिए हर महीने 50 से 200 रुपये तक का यूजर चार्ज देना होगा।
MCD का फैसला क्यों?
नगर निगम का तर्क है कि कचरा प्रबंधन की लागत बढ़ती जा रही है और संसाधनों की कमी को पूरा करने के लिए यह शुल्क ज़रूरी है। इससे साफ-सफाई के काम में सुधार होगा और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी।
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किसे कितना देना होगा?
नॉर्मल रिहायशी घर: ₹50 प्रति महीना
मध्यम श्रेणी कॉलोनी या फ्लैट्स: ₹100 प्रति महीना
बड़े मकान या कोठियाँ: ₹150 से ₹200 तक
कॉमर्शियल प्रॉपर्टी: इससे ज्यादा शुल्क तय किया जाएगा
लोगों में नाराज़गी
इस फैसले के बाद दिल्ली के कई इलाकों में नागरिकों की नाराज़गी सामने आई है। लोगों का कहना है कि पहले ही टैक्स और बढ़ती महंगाई ने परेशान कर रखा है । अब कचरा उठाने के नाम पर भी अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है।
MCD की सफाई
MCD का कहना है कि यूजर चार्ज एक मामूली राशि है, जिससे निगम बेहतर सेवा देने के लिए ज़रूरी संसाधन जुटा सकेगा। साथ ही निगम ने वादा किया है कि सेवा की गुणवत्ता में अब पहले से सुधार देखने को मिलेगा। अब दिल्ली में कूड़ा फेंकना नहीं उठवाना भी खर्चीला हो गया है। सवाल यही है कि क्या शुल्क देने के बाद सफाई व्यवस्था में वाकई बदलाव आएगा या यह सिर्फ आम जनता पर एक और बोझ बनकर रह जाएगा?
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