ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सैन्य शक्ति का नया अध्याय

भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव में ऑपरेशन सिंदूर ने एक अभूतपूर्व अध्याय जोड़ा। इस सैन्य अभियान ने न केवल सीमा पार आतंकवाद को करारा जवाब दिया, बल्कि आधुनिक युद्ध तकनीकों का भी शानदार प्रदर्शन किया। मात्र चार दिनों में युद्धविराम तक पहुंचने वाला यह संघर्ष भारत की सैन्य शक्ति, रणनीतिक कुशलता और तकनीकी श्रेष्ठता का प्रतीक बन गया। यह अभियान 21वीं सदी में भारत की सैन्य रणनीति में एक मील का पत्थर साबित हुआ है।

500 किमी गहराई तक हवाई हमले
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पहली बार भारत ने पाकिस्तानी क्षेत्र में 500 किलोमीटर गहराई तक हवाई हमले किए। भारतीय वायुसेना ने अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए सटीक निशाने लगाए, जबकि भारतीय नौसेना ने इस अभियान को निरंतर समर्थन प्रदान किया। ये हमले न केवल तकनीकी दृष्टि से उन्नत थे, बल्कि इन्होंने भारत की सामरिक रणनीति को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। मुरिदके, रफीकी, सियालकोट, सुक्कुर, सरगोधा और जैकोबाबाद जैसे प्रमुख सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर पाकिस्तान की सैन्य तैयारियों को गंभीर नुकसान पहुंचाया गया।

ड्रोन युद्ध की नई परिभाषा
ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पहली बार बड़े पैमाने पर ड्रोन तैनात किए। नागस्त्र-1 और स्काईस्ट्राइकर जैसे स्व-विनाशकारी ड्रोनों ने 90% से अधिक सफलता दर हासिल की। ये ड्रोन हमलावर युद्ध के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए हैं, जो लक्ष्य को सीधे नष्ट करने में सक्षम हैं। इस तकनीक ने भारत की सैन्य क्षमता को न केवल क्षेत्रीय, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया। ड्रोन हमलों की यह सफलता आधुनिक युद्ध में भारत की बढ़ती ताकत का प्रमाण है।

सबसे छोटा भारत-पाक युद्ध
ऑपरेशन सिंदूर ने इतिहास रचते हुए मात्र चार दिनों में पाकिस्तान की वायुसेना को निर्णायक झटका दिया। तुलनात्मक रूप से, 1965 का युद्ध 49 दिन, 1971 का युद्ध 13 दिन और कारगिल युद्ध 85 दिन चला था। इस अभियान में भारत ने पाकिस्तान में 9 आतंकी शिविरों और 11 सैन्य ठिकानों को नष्ट किया। यह पहली बार था जब भारत ने इतने कम समय में इतना प्रभावी परिणाम हासिल किया, जो इसकी सैन्य रणनीति की परिपक्वता को दर्शाता है।

24 साल बाद पंजाब में हमला
1971 के युद्ध के बाद पहली बार भारत ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गहराई तक हमले किए। मुरिदके, सियालकोट और सुक्कुर जैसे क्षेत्रों में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन हमलों ने पाकिस्तान की सैन्य रीढ़ को कमजोर किया और भारत की रणनीतिक पहुंच को प्रदर्शित किया।

पाकिस्तान-चीन सैन्य गठजोड़
इस संघर्ष ने पाकिस्तान और चीन के सैन्य गठजोड़ को भी उजागर किया। पाकिस्तान ने पहली बार चीनी निर्मित जे-सीरीज थंडर जेट और चीनी रॉकेट लांचरों का इस्तेमाल किया। यह दोनों देशों के बीच गहरे सैन्य सहयोग का स्पष्ट संकेत है। भारत ने इस चुनौती का सामना करते हुए अपनी रणनीतिक और तकनीकी श्रेष्ठता को साबित किया।

कूटनीति की जीत
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 नागरिक मारे गए, के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस अभियान में 9 आतंकी शिविर नष्ट किए गए। शनिवार शाम को दोनों देशों ने तत्काल युद्धविराम की घोषणा की। यह निर्णय भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद के माध्यम से लिया गया, जिसमें पाकिस्तानी डीजीएमओ ने भारतीय समकक्ष से संपर्क किया। यह कूटनीतिक सफलता भारत की सैन्य और राजनयिक ताकत का प्रतीक है।

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