भारतीय सशस्त्र बलों ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत अपनी सैन्य ताकत और रणनीतिक कौशल का शानदार प्रदर्शन किया। सोमवार को आयोजित संयुक्त ब्रीफिंग में, भारतीय सेना ने न केवल पाकिस्तान के फर्जी प्रचार को ध्वस्त किया, बल्कि आतंकवाद को समर्थन देने वालों को कड़ी चेतावनी भी दी। एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों का साथ देकर गलती की, जबकि भारत का लक्ष्य केवल आतंकवाद को खत्म करना है। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने एकजुट होकर देश की रक्षा के लिए अपने पूरे सामर्थ्य का उपयोग किया।
स्वदेशी रक्षा प्रणालियों का कमाल
ऑपरेशन सिंदूर में भारत की स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली ‘आकाश’ ने अद्भुत प्रदर्शन किया। एयर मार्शल भारती ने बताया कि इस प्रणाली ने पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम कर दिया, जिससे नागरिकों और सैन्य ढांचे को न्यूनतम नुकसान हुआ। इसके अलावा, कंधे पर रखे हथियारों और काउंटर-यूएएस प्रणालियों ने तुर्की मूल के YIHA और सोंगर ड्रोन को मार गिराया। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी मिराज जेट और चीनी पीएल-15 मिसाइल को भी नष्ट किया, जिसका मलबा ब्रीफिंग में प्रदर्शित किया गया। यह भारत की तकनीकी उन्नति और सैन्य प्रशिक्षण का प्रमाण है।
एकीकृत निगरानी और रणनीति
वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि भारतीय नौसेना ने समुद्री सीमाओं पर निरंतर निगरानी बनाए रखी। उन्नत सेंसर और युद्ध प्रबंधन प्रणालियों के एकीकरण ने वायु, सतह और उपसतह खतरों को तुरंत निष्प्रभावी किया। डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि भारत के हवाई अड्डे और रसद केंद्र पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल की बहादुरी की भी सराहना की, जिन्होंने ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह एकीकृत दृष्टिकोण भारत की रक्षा रणनीति की ताकत को दर्शाता है।
सांस्कृतिक संदेश और क्रिकेट का उदाहरण
ब्रीफिंग में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को सांस्कृतिक और प्रतीकात्मक संदेश दिए। एयर मार्शल भारती ने रामचरितमानस की पंक्ति उद्धृत की, “विनय न मानत जलधि… भय बिनु होय न प्रीत,” जो यह दर्शाती है कि बिना भय के सम्मान संभव नहीं। डीजीएमओ राजीव घई ने क्रिकेट के दिग्गज विराट कोहली और 1970 के दशक की एशेज श्रृंखला का जिक्र किया। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई कहावत, “राख से राख, धूल से धूल,” का उपयोग कर भारत की रक्षा प्रणाली को एक अभेद्य ग्रिड के रूप में प्रस्तुत किया, जो हर खतरे को रोक लेती है।
आतंकवाद के खिलाफ भारत का संकल्प
पहलगाम हमले का उल्लेख करते हुए, डीजीएमओ ने कहा कि आतंकवादियों ने निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाकर अपनी हदें पार कर दी हैं। भारतीय सेना ने स्पष्ट किया कि उसकी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है, न कि पाकिस्तानी सेना के खिलाफ। पिछले दशक में सरकार के नीतिगत और बजटीय समर्थन ने भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत किया है। ऑपरेशन सिंदूर ने यह साबित किया कि भारत की युद्ध-सिद्ध प्रणालियाँ और प्रशिक्षित सैनिक किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
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