पहलगाम आतंकवादी हमला, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला घटनास्थल के लिए रवाना

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद, राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घटना की कड़ी निंदा की है और तत्काल घटनास्थल पर जाने का फैसला किया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले में मारे गए पर्यटकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह कायराना हमला कश्मीर की शांति और सौहार्द को खत्म करने की एक कोशिश है। यह घटना दुखद है और हमारी सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करती है। हम इस घातक हमले के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाएंगे।

आतंकी हमले में मारे गए 20 से अधिक पर्यटक, घायल लोगों की हालत गंभीर

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पुष्टि की है कि हमले में 20 से ज़्यादा पर्यटक मारे गए, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह हमला बैसरन के घास के मैदानों में हुआ था, जहां पर्यटक प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले रहे थे। हमले के बाद इलाके में सुरक्षाबल सक्रिय हो गए हैं और सर्च ऑपरेशन जारी है।

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राज्य सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लिया उच्चस्तरीय बैठक का निर्णय

उमर अब्दुल्ला ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार ने इस हमले की जांच के लिए उच्चस्तरीय बैठक बुलाने का निर्णय लिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कश्मीर में ऐसे हमले न हों। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार घायल पर्यटकों के इलाज और मदद के लिए पूरी तत्परता से काम कर रही है।

मुख्यमंत्री की रवानी पर प्रतिक्रियाएं

मुख्यमंत्री के पहलगाम रवाना होने के बाद कई राजनीतिक और सामाजिक नेताओं ने उनका सत्कार किया, लेकिन साथ ही सुरक्षा व्यवस्था और कश्मीर में जारी आतंकवाद को लेकर कड़ी आलोचना भी की। लोग यह सवाल कर रहे हैं कि क्या सुरक्षा व्यवस्था इतनी कमजोर है कि घाटी में इतनी आसानी से आतंकी घटनाएं घट रही हैं।

सवाल उठता है – क्या यह कश्मीर में शांति का अंत होगा?

  • क्या मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के कदम कश्मीर में शांति बहाल कर पाएंगे?
  • क्या आतंकी हमलों से कश्मीर का पर्यटन प्रभावित होगा?
  • और, क्या केंद्र सरकार को अब कश्मीर में और कड़े सुरक्षा उपायों की जरूरत नहीं है?

इस हमले ने न केवल जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी है, बल्कि कश्मीर में लंबे समय से चली आ रही असुरक्षा की स्थिति को फिर से उजागर किया है। भविष्य के लिए कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना अब सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।

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