जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार का दिन खून और चीखों से भरा रहा। खूबसूरत बैसरन घाटी में अचानक गोलियों की गूंज गूंजी और पर्यटक गोलियों का निशाना बन गए। आतंकियों की फायरिंग में 20 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई जबकि कई गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। ये हमला सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने वाला कायराना कृत्य है।
‘आप’ का तीखा बयान: विदेश यात्राएं छोड़िए, देश की चिंता कीजिए
हमले पर राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा प्रधानमंत्री जी विदेश यात्राएं कम करें और देश की ज़मीनी हकीकत से जुड़ें। अगर पर्यटक देश के भीतर भी सुरक्षित नहीं हैं, तो विदेश नीति की सफलता किस काम की
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सोशल मीडिया पर वायरल हुए हमले के वीडियो
हमले के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें घायल पर्यटकों की चीखें, भगदड़ और स्थानीय लोगों का मदद के लिए दौड़ना साफ देखा जा सकता है। ये वीडियो दिल दहला देने वाले हैं और यह सवाल छोड़ते हैं कि सुरक्षा व्यवस्था आखिर कहां चूक गई?
पर्यटन को निशाना बनाकर घाटी को बदनाम करने की साजिश
विशेषज्ञों का मानना है कि इस हमले का सीधा मकसद कश्मीर में फिर से डर का माहौल बनाना है। पिछले कुछ वर्षों में टूरिज़्म में जो थोड़ी बहुत बढ़ोतरी हुई थी, आतंकियों की कोशिश है कि उसे पूरी तरह से खत्म किया जाए।
जनता का सवाल – कब तक सहेंगे हम?
- क्या हर आतंकी हमले के बाद सिर्फ निंदा से काम चल जाएगा?
- क्या अब कश्मीर घूमना भी जानलेवा साबित होगा?
- और सबसे अहम – क्या आम लोग अब भी सुरक्षित हैं?
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