भारतीय राजनीति में बयानबाजी का दौर लगातार जारी है। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी अपने भाषण खुद नहीं लिखते, बल्कि एनजीओ द्वारा तैयार किए गए भाषण पढ़ते हैं।

अमित शाह ने राहुल गांधी पर क्यों साधा निशाना?
एक जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा राहुल गांधी को देश की वास्तविकता से कोई मतलब नहीं है। वह केवल कुछ एनजीओ द्वारा तैयार किए गए भाषण पढ़ते हैं और जनता को गुमराह करने का काम करते हैं।”
गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी बिना तथ्यात्मक आधार के सरकार की नीतियों की आलोचना करते हैं लेकिन जब उनसे ठोस तर्क मांगे जाते हैं, तो उनके पास कोई जवाब नहीं होता।
सरकार की नीतियों को लेकर राहुल गांधी की आलोचना
राहुल गांधी अक्सर मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हैं और हाल ही में उन्होंने अर्थव्यवस्था बेरोजगारी और लोकतंत्र की स्थिति को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला था। उनका कहना था कि “सरकार केवल उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है और आम जनता को नज़रअंदाज़ कर रही है।”
बीजेपी का पलटवार
राहुल गांधी के इन आरोपों का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा,
“जो लोग खुद जमीनी सच्चाई से कटे हुए हैं, वे देश की प्रगति को नहीं देख सकते। मोदी सरकार ने देश को आर्थिक, सामाजिक और सामरिक रूप से मजबूत किया है, लेकिन कुछ लोग इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।”
राजनीतिक तकरार जारी
अमित शाह का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में आगामी चुनावों को लेकर माहौल गर्म है। राहुल गांधी लगातार ‘भारत जोड़ो यात्रा’ और अन्य अभियानों के जरिए जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं बीजेपी उनके बयानों को गैर-जिम्मेदाराना और दिशाहीन बताने में जुटी है।
क्या कहती है जनता?
इस बयानबाजी के बीच जनता में भी बहस छिड़ी हुई है। कुछ लोग इसे बीजेपी की राहुल गांधी को कमजोर दिखाने की रणनीति मानते हैं, तो कुछ का कहना है कि राहुल गांधी को अपने भाषणों में ठोस तथ्यों को शामिल करना चाहिए ताकि उनकी आलोचना ज्यादा प्रभावी हो सके। अब देखना होगा कि राहुल गांधी इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और यह राजनीतिक बहस किस ओर जाती है।
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