जम्मू एयरपोर्ट पर हंगामा: खराब मौसम के कारण घंटों इंतज़ार, यात्रियों ने कहा – “चाहिए न्याय”

कड़ाके की ठंड और खराब मौसम ने जम्मू-कश्मीर में हवाई यात्रा को किया प्रभावित, यात्रियों का फूटा गुस्सा।

उत्तर भारत के हवाई यात्रियों के लिए शनिवार का दिन परेशानी भरा रहा। जम्मू एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल तब बन गया जब खराब मौसम के चलते कई फ्लाइट्स रद्द कर दी गईं और बाकी फ्लाइट्स घंटों तक लेट होती रहीं। सबसे ज़्यादा असर श्रीनगर से आने-जाने वाली उड़ानों पर पड़ा, जिससे जम्मू एयरपोर्ट पर कनेक्टिंग फ्लाइट्स भी प्रभावित हुईं।

हजारों यात्री फ्लाइट शेड्यूल्स के चक्रव्यूह में फंसे नज़र आए। एयरपोर्ट पर भीड़, अफरातफरी और नाराज़ यात्रियों की आवाज़ें सुनाई दीं। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर किया और “We Want Justice” जैसे नारों के साथ एयरलाइनों और एयरपोर्ट प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए।

क्या हुआ जम्मू एयरपोर्ट पर?

शनिवार सुबह से ही जम्मू और श्रीनगर में घना कोहरा, बर्फबारी और कम विज़िबिलिटी ने हवाई सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया। श्रीनगर में कई उड़ानें रद्द की गईं और कुछ डायवर्ट कर दी गईं। इसका असर जम्मू एयरपोर्ट पर ट्रांजिट यात्रियों पर पड़ा जो दिल्ली, चंडीगढ़, लखनऊ और जयपुर जैसे शहरों के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट पकड़ने वाले थे।

एयरपोर्ट पर एक के बाद एक फ्लाइट्स के बोर्डिंग गेट बंद होते गए और यात्रियों को लंबे इंतज़ार में डाल दिया गया। हालात ऐसे बन गए कि यात्रियों को फर्श पर बैठकर घंटों इंतज़ार करना पड़ा।

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यात्रियों का फूटा गुस्सा

बिहार से जम्मू पहुंचे एक यात्री ने कहा,

“हमें सुबह 9 बजे फ्लाइट पकड़नी थी लेकिन अब शाम के 5 बज गए हैं, कोई साफ जानकारी नहीं दे रहा। हम इंसान हैं, कोई सामान तो नहीं जिन्हें ऐसे छोड़ दिया जाए।”

एक महिला यात्री ने रोते हुए कहा,

“हम अपने बच्चों के साथ हैं, खाना नहीं है, पानी नहीं है, और कोई मदद के लिए तैयार नहीं। यह तो अन्याय है।”

कई यात्रियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वीडियो और तस्वीरें पोस्ट कीं, जिनमें एयरपोर्ट की भीड़, बदइंतज़ामी और लंबा इंतज़ार साफ नज़र आ रहा है। ट्विटर (अब X) पर #JammuAirportChaos ट्रेंड करने लगा।

इंडिगो की सफाई

स्थिति को संभालते हुए एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने X (ट्विटर) पर एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया:

“हमारी टीम हालात पर नज़र रख रही है। मौसम जैसे ही सुधरेगा, हमारी उड़ानें दोबारा सामान्य रूप से संचालित की जाएंगी। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा हमारी प्राथमिकता है।”

हालांकि, यात्रियों का कहना है कि केवल ट्वीट करने से समस्या हल नहीं होती। उन्हें ज़मीनी स्तर पर मदद चाहिए थी – जैसे भोजन, सूचना और वैकल्पिक व्यवस्था।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

जम्मू एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से भी एक संक्षिप्त बयान आया जिसमें कहा गया कि
“खराब मौसम के चलते विमानों की उड़ान में देरी हो रही है और यह हमारे नियंत्रण से बाहर है। हम यात्रियों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।”

लेकिन यात्रियों को यह जवाब नाकाफी लगा। कई लोग यह पूछते नज़र आए कि जब मौसम पहले से खराब होने की संभावना थी, तो वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई?

उत्तर भारत में मौसम की मार

सिर्फ जम्मू ही नहीं, बल्कि उत्तर भारत के कई हिस्सों में इस समय मौसम का कहर देखने को मिल रहा है। कश्मीर घाटी में भारी बर्फबारी, दिल्ली-NCR में कोहरा और हिमाचल-उत्तराखंड में बर्फबारी के चलते यातायात पर असर पड़ा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इन मौसमीय स्थितियों के बीच हवाई संचालन के लिए विशेष योजना और समन्वय की ज़रूरत होती है, जिसमें सुधार की गुंजाइश साफ दिख रही है।

यात्रियों की मांगें क्या हैं?

  1. सही और समय पर सूचना: यात्रियों को उड़ानों की स्थिति की पारदर्शी जानकारी दी जाए।
  2. आवश्यक सुविधाएं: लंबी देरी की स्थिति में भोजन, पानी, बैठने और रुकने की व्यवस्था की जाए।
  3. वैकल्पिक व्यवस्था: फ्लाइट रद्द होने की स्थिति में रीबुकिंग या रिफंड में पारदर्शिता और गति लाई जाए।
  4. आपदा प्रबंधन टीम: एयरपोर्ट पर ऐसी स्थिति के लिए एक प्रशिक्षित सहायता टीम हो।

जम्मू एयरपोर्ट पर यात्रियों की यह परेशानी सिर्फ मौसम की नहीं, बल्कि व्यवस्था की भी कहानी है। यात्रियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और एयरलाइनों तथा प्रशासन को ज़िम्मेदार बनाना समय की मांग है।

खराब मौसम कोई नई बात नहीं, लेकिन उसके असर को कम करने की तैयारी ज़रूरी है। जब तक सिस्टम में संवेदनशीलता और जवाबदेही नहीं आएगी, तब तक ऐसे हालात दोहराते रहेंगे।

यात्रियों को केवल सफर नहीं चाहिए, उन्हें सम्मान और सुविधा भी चाहिए।

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