वक्फ संशोधन विधेयक 2025 संसद के दोनों सदनों में पास होने के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) अब मुस्लिम नेताओं के बड़े विरोध का सामना कर रही है। जेडीयू के सांसदों द्वारा वक्फ बिल का समर्थन करना पार्टी के भीतर भारी पड़ता नजर आ रहा है।
5 बड़े नेता छोड़ चुके पार्टी
शुक्रवार तक जेडीयू के पांच प्रमुख मुस्लिम नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इन नेताओं में शामिल हैं नदीम अख्तर, राजू नैय्यर, तबरेज सिद्दीकी अलीग मोहम्मद शाहनवाज मलिक, मोहम्मद कासिम अंसारी इन नेताओं का कहना है। कि पार्टी अब अल्पसंख्यकों की आवाज़ नहीं सुन रही, और उनकी राजनीतिक उपेक्षा हो रही है।
20 से ज्यादा मुस्लिम पदाधिकारी भी नाराज़
सिर्फ बड़े नेता ही नहीं, बल्कि 20 से ज्यादा मुस्लिम पदाधिकारियों ने भी सामूहिक इस्तीफे की घोषणा कर दी है। इन सभी ने नीतीश सरकार पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है।
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सुधांशु त्रिवेदी का हमला गाय से बदबू?
राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुधांशु त्रिवेदी ने समाजवादी पार्टी और खासकर अखिलेश यादव पर करारा प्रहार किया। उन्होंने नाम न लेते हुए कहा इब्राहिम रसखान ने कहा था कि अगला जन्म हो तो कृष्ण भक्त बनूं, या गाय बनूं। लेकिन आज के नेता ऐसे बयान देते हैं कि ‘गाय से बदबू आती है। यह तंज साफ तौर पर अखिलेश यादव के विवादित बयान पर था, जिसमें उन्होंने गायों को लेकर टिप्पणी की थी।
क्या है वक्फ संशोधन विधेयक?
विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता बढ़ाना और फर्जी कब्जों पर लगाम लगाना है। सरकार का कहना है कि इससे गरीब मुसलमानों को फायदा मिलेगा। लेकिन विपक्ष का आरोप है कि यह अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर चोट है।
राजनीतिक असर गहराता जा रहा है
बिल पास होने के बाद जेडीयू में जो हलचल मची है, उससे साफ है कि नीतीश कुमार की अल्पसंख्यक जनाधार पर पकड़ कमजोर होती जा रही है। आने वाले चुनावों में यह मुद्दा बड़ा असर डाल सकता है।
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