उत्तर प्रदेश में अवैध मदरसों और ईदगाहों पर प्रशासन का बड़ा एक्शन, नेपाल बॉर्डर से सटे जिलों में चला अभियान

उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से संचालित धार्मिक संस्थानों पर एक बार फिर बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई देखने को मिली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खासतौर पर नेपाल सीमा से सटे जिलों में रविवार को अवैध मदरसों और ईदगाहों पर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए बुलडोजर चलाया।

श्रावस्ती में शासकीय भूमि पर बने अवैध मदरसों और ईदगाहों को ढहाया गया। जिला प्रशासन के मुताबिक, जमुनहा तहसील स्थित मदरसा रिजविया गौसिया उलूम खलीफतपुर, मदरसा दारूल उलूम गरीब नवाज रजा ए मुस्तफा इमलिया करनपुर और मदरसा इस्लामिया अरबिया तलिमुल कुरआन कुंडा पर सीधी ध्वस्तीकरण कार्रवाई की गई। इसके अलावा, भिनगा तहसील के मदरसा दारूल उलूम अहले सुन्नत गौसे आजम बन्ठिहवा, इकौना के मदरसा इस्लामिया चिन्तयो गरीब नवाज अलीनगर और अवैध ईदगाह खांवापोखर पर भी बुलडोजर चला।

सिद्धार्थनगर जिले में अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) और अपर पुलिस अधीक्षक के अनुसार, नेपाल सीमा से सटे 10 किमी क्षेत्र में 21 धार्मिक स्थलों पर अवैध अतिक्रमण मिला, जिनमें 4 मस्जिदें और 17 मदरसे शामिल हैं। 19 को नोटिस जारी कर दी गई है, जबकि दो मदरसों से अतिक्रमण हटा दिया गया।

बलरामपुर में भी 39 अवैध धार्मिक स्थल चिन्हित किए गए हैं, जिनमें 24 को सील किया जा चुका है। इनमें से 19 सार्वजनिक भूमि पर हैं और सात से अतिक्रमण हटाया गया है। बाकी में कार्रवाई जारी है।

पीलीभीत में एक मस्जिद को चिन्हित कर नोटिस जारी किया गया है, जिसमें 15 दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। जवाब न मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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लखीमपुर खीरी में जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल और एसपी संकल्प शर्मा ने बताया कि दो दिनों में तीन अवैध अतिक्रमण चिन्हित किए गए, जिनमें एक मस्जिद, एक मजार और दो ईदगाह शामिल हैं। इनमें से एक ईदगाह को सील कर दिया गया है।

बहराइच में भी बड़ी कार्रवाई हुई है। डीएम और एसपी के मुताबिक इंडो-नेपाल बॉर्डर के 10 किलोमीटर के भीतर कुल 158 अवैध अतिक्रमण हटाए गए हैं। रविवार को एक अवैध ईदगाह से भी कब्जा हटाया गया। कुल 24 स्थल चिन्हित हुए हैं, जिनमें से 10 मदरसे सील किए गए और तीन को पूरी तरह हटाया गया है।

यह कार्रवाई योगी सरकार के उस सख्त रुख को दर्शाती है जिसमें धार्मिक स्थलों की आड़ में हो रहे अतिक्रमण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह अभियान आने वाले दिनों में और तेज होने की संभावना है।

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