असदुद्दीन ओवैसी का पाकिस्तान पर हमला: “अब वक्त है सबक सिखाने का”

22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिससे पूरे देश में गुस्से का माहौल है। इस हमले को लेकर जहां आम जनता से लेकर विपक्ष तक पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, वहीं AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है।

ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह पाकिस्तान जैसे ‘फेल स्टेट’ के खिलाफ अब निर्णायक कार्रवाई करें। उन्होंने कहा, “हमने देखा कि कैसे एक बार फिर पाकिस्तान ने हमारे देश के नागरिकों को निशाना बनाया है। हम यह उम्मीद करते हैं कि हमारे प्रधानमंत्री अब इस फेल देश को सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”

ओवैसी ने यह भी कहा कि इस दुखद हमले को धार्मिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने करनाल के निवासी विनय की पत्नी हिमांशी का हवाला देते हुए कहा, “हिमांशी ने कहा है कि इस हमले में हिंदू-मुसलमान का सवाल नहीं उठना चाहिए। देश को उनसे सीख लेनी चाहिए। यह वक्त एकजुट होने का है, न कि बांटने का।”

यह भी पढ़े: भारत की मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को वैश्विक मंच पर प्रमोट करने के लिए वेव्स 2025 का आयोजन

उन्होंने पाकिस्तान के रवैये पर भी सवाल उठाते हुए कहा, “जब-जब भारत में आतंकवादी हमला होता है, पाकिस्तान सबूत मांगने लगता है। लेकिन हम उन्हें पहले भी सबूत दे चुके हैं। अब वक्त है कि बातों से आगे बढ़कर कार्रवाई की जाए। पाकिस्तान को यह महसूस कराना होगा कि भारत अब सहन नहीं करेगा।”

AIMIM प्रमुख ने इस मौके पर सभी शहीदों को सम्मान देने की मांग करते हुए कहा, “पहलगाम हमले में मारे गए 26 लोगों को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। सरकार अगर पाकिस्तान के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाती है तो AIMIM पूरी तरह से सरकार के साथ खड़ी है।”

वक्फ कानून को लेकर भी ओवैसी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ कानून में संशोधन मुसलमानों की जमीनों पर कब्जे की साजिश है। ओवैसी ने कहा, “अगर मंदिर बोर्ड में कोई मुस्लिम सदस्य नहीं हो सकता, तो वक्फ बोर्ड में कोई गैर-मुस्लिम क्यों? यह भेदभाव मुसलमानों के साथ नाइंसाफी है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।”

ओवैसी के इस बयान ने न सिर्फ पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने की मांग को मजबूती दी है, बल्कि आतंकी हमलों को लेकर राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है।

Share