भारत सरकार की ओर से 7 मई को देश के सामरिक दृष्टि से अहम जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस ड्रिल का उद्देश्य युद्ध जैसी आपात स्थितियों से निपटने की तैयारी करना, सुरक्षा एजेंसियों की तात्कालिक प्रतिक्रिया क्षमता की जांच करना और आम लोगों को आपातकालीन स्थिति में सही दिशा में कार्रवाई के लिए प्रशिक्षित करना है।
राजस्थान के जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, अलवर, उदयपुर, जयपुर, कोटा, नाल (बीकानेर) और रावतभाटा जैसे संवेदनशील जिलों को इस मॉक ड्रिल के लिए चुना गया है। सिविल डिफेंस एक्सपर्ट हिम्मत सिंह के मुताबिक़, यह युद्ध, हवाई हमले या अन्य आपदाओं के दौरान आम जनता को सतर्क और जागरूक करने की एक बड़ी पहल है।
ड्रिल के दौरान विशेष सायरनों का उपयोग किया जाएगा, जिन्हें फायर स्टेशन, रेलवे स्टेशन, पुलिस लाइन और एयरफोर्स बेस पर स्थापित किया गया है। इन सायरनों की आवाज़ 2 से 5 किलोमीटर तक सुनी जा सकती है। जैसे ही सायरन बजेगा, अभ्यास की शुरुआत मानी जाएगी।
जैसलमेर में विशेष तैयारी:
जैसलमेर जिला प्रशासन पूरी तरह एक्टिव मोड में है। सिविल डिफेंस की टीमों ने व्यापक तैयारी शुरू कर दी है। खास बात यह है कि 1971 युद्ध के दौरान इस्तेमाल की गई हाथ से चलने वाली सायरन मशीनों को दोबारा सक्रिय किया गया है। इनकी कार्यक्षमता की जांच स्वयं जिला कलेक्टर प्रताप सिंह ने की।
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बाड़मेर और बालोतरा भी तैयार:
बाड़मेर में भी बुधवार को यह मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। सायरनों की जांच का कार्य मंगलवार शाम को पूरा किया गया। अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह चांदावत और पुलिस अधीक्षक जस्साराम बॉस ने विभिन्न स्थानों पर निरीक्षण किया। बालोतरा में भी 12:30 बजे आपात प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा, जिसमें होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा सदस्य, फायर ब्रिगेड और शिक्षक भाग लेंगे।
धौलपुर और बूंदी में समीक्षा बैठकें:
धौलपुर में मुख्य सचिव सुधांश पंत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मॉक ड्रिल की जानकारी दी। जिला कलेक्टर श्रीनिधि बीटी ने कहा कि जिलेवासियों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह अभ्यास सिर्फ सजगता बढ़ाने के लिए है। वहीं, बूंदी में भी जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा की अध्यक्षता में तैयारी बैठक हुई, जिसमें सभी विभागों की जिम्मेदारियां तय की गईं।
इस व्यापक ड्रिल का मकसद न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों को जांचना है, बल्कि नागरिकों में आपात स्थितियों को लेकर जागरूकता फैलाना है। यह अभ्यास देश की सुरक्षा नीति में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है।
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