नई दिल्ली/हैदराबाद: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्सा है। इसी कड़ी में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार को सीधा और सख्त संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि अब वक्त आ गया है जब भारत को सिर्फ “घर में घुसकर मारने” की नीति से आगे बढ़कर “घर में घुसकर बैठ जाने” की रणनीति अपनानी चाहिए।
“अगर उन्होंने POK खाली किया है, तो हमें जाकर वहां बैठ जाना चाहिए”
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित आतंकियों के लॉन्चपैड्स को खाली कराया जा रहा है, क्योंकि पाकिस्तान को भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई का डर है। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने कहा,
“अगर उन्होंने खाली किया है, तो हमें वहां जाकर बैठ जाना चाहिए। अगर इस बार कोई कार्रवाई करनी है तो घर में घुसकर बैठ जाना – खत्म।”
यह बयान उन अटकलों के बीच आया है जब भारत द्वारा पाकिस्तान को करारा जवाब देने की संभावना जताई जा रही है। पहलगाम में हुए कायराना हमले में सेना के जवानों को निशाना बनाया गया, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर फिर से चिंता बढ़ गई है।
“अब आतंक के अड्डों को जड़ से खत्म करने का वक्त है”
ओवैसी ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि अब सिर्फ जवाबी हमलों से काम नहीं चलेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का स्थायी समाधान निकाला जाए।
“हर बार हम जवाब देते हैं, लेकिन स्थायी समाधान नहीं निकालते। अगर पाकिस्तान में आतंक के अड्डे हैं और वह खाली हो रहे हैं, तो यह अवसर है कि हम वहां जाकर स्थायी रूप से बैठ जाएं।”
राजनीतिक गलियारों में हलचल
ओवैसी के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में चर्चा को तेज कर दिया है। आमतौर पर सरकार की पाकिस्तान नीति की आलोचना करने वाले ओवैसी का यह रुख आश्चर्यजनक है। हालांकि उन्होंने सरकार की “आधा कदम आगे, दो कदम पीछे” नीति पर भी सवाल उठाए।
“हर बार सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक की बातें होती हैं। लेकिन असल सवाल यह है कि आतंकवाद कब रुकेगा? कब तक हमारे जवान शहीद होते रहेंगे?” – ओवैसी ने कहा।
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POK पर सियासत गरम
हाल के दिनों में POK को लेकर सियासी माहौल गर्माया हुआ है। कई भाजपा नेता पहले ही कह चुके हैं कि “POK भारत का अभिन्न हिस्सा है” और इसे भारत में मिलाना सरकार की प्राथमिकता है। अब ओवैसी जैसे विपक्षी नेता भी इसी सुर में बात कर रहे हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बयान सिर्फ भावनात्मक नहीं, बल्कि एक रणनीतिक दबाव बनाने की कोशिश है ताकि केंद्र सरकार पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कदम उठाए।
जनता की प्रतिक्रिया: “अब बहुत हो गया”
सोशल मीडिया पर भी लोगों की भावनाएं उफान पर हैं। ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब पर “#POK #TerrorFreeKashmir” जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। जनता अब सिर्फ बयानबाज़ी नहीं, ठोस कार्रवाई चाहती है।
ओवैसी का यह बयान आम जनता की उसी भावना का प्रतीक है जो कहती है: “अब बहुत हो गया, अब कुछ करना होगा।”
क्या अब सरकार कोई बड़ा कदम उठाएगी?
पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। सूत्रों की मानें तो नियंत्रण रेखा (LoC) के पास विशेष निगरानी की जा रही है। हालांकि सरकार की ओर से अब तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है।
लेकिन ओवैसी जैसे नेताओं का सख्त रुख केंद्र सरकार पर दबाव जरूर बढ़ा रहा है।
असदुद्दीन ओवैसी का यह बयान देश की सुरक्षा और राष्ट्रीय स्वाभिमान को लेकर नए तेवर का संकेत है। विपक्षी दलों में भी अब पाकिस्तान और POK पर नरमी की जगह सख्ती देखने को मिल रही है। पहलगाम जैसे आतंकी हमलों ने यह साबित कर दिया है कि अब “मौजूदा नीति” से काम नहीं चलेगा।
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