बंगाल हिंसा पर CM योगी का बड़ा बयान, कहा- लातों के भूत बातों से नहीं मानेंगे

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा पर कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, “लातों के भूत बातों से नहीं मानते,” और इस हिंसा को लेकर ममता बनर्जी की सरकार पर जमकर हमला बोला। यह बयान योगी आदित्यनाथ ने एक चुनावी रैली के दौरान दिया, जहां उन्होंने बंगाल में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए।

बंगाल हिंसा पर प्रतिक्रिया
योगी आदित्यनाथ ने बंगाल में हिंसा को लेकर ममता बनर्जी की सरकार पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वहां की सरकार हिंसा पर काबू पाने में नाकाम रही है। उनका आरोप था कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस हिंसा पर चुप हैं और इस स्थिति को नजरअंदाज कर रही हैं। योगी ने कहा कि जब तक हिंसा और अराजकता पर कड़ा एक्शन नहीं लिया जाएगा, तब तक स्थिति सामान्य नहीं हो सकती।

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लातों के भूत बातों से नहीं मानते
योगी आदित्यनाथ ने इस मुहावरे का इस्तेमाल करते हुए कहा कि जब कोई समूह या व्यक्ति कानून और व्यवस्था को चुनौती देता है, तो उसे बातों से नहीं सुधारा जा सकता। इसके लिए सख्त और निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने ममता बनर्जी सरकार को चेतावनी दी कि यदि वह हिंसा पर काबू नहीं पातीं, तो प्रदेश की जनता इसे नहीं सहन करेगी।

राजनीतिक बयान और चुनावी माहौल
योगी आदित्यनाथ का यह बयान चुनावी माहौल में दिया गया है, जहां बंगाल में आगामी चुनावों के लिए प्रचार तेज़ हो गया है। उनके बयान से यह साफ है कि वह बंगाल में बढ़ती हिंसा को एक बड़े मुद्दे के रूप में पेश कर रहे हैं, और यह मुद्दा आगामी चुनावों में अहम भूमिका निभा सकता है।

राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति
योगी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार ने हमेशा कानून व्यवस्था को प्राथमिकता दी है और राज्य में अपराधियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं। उन्होंने बंगाल में भी ऐसे ही सख्त कदम उठाने की जरूरत जताई।

योगी आदित्यनाथ का यह बयान, बंगाल में हिंसा के मुद्दे पर ममता बनर्जी सरकार को कठघरे में खड़ा करता है। क्या वाकई ‘लातों के भूत बातों से नहीं मानते’ का यह मुहावरा बंगाल की राजनीतिक स्थिति पर लागू होता है? क्या ममता बनर्जी इस हिंसा को नियंत्रित कर पायेंगी, या फिर यह विवाद चुनावी मैदान में बड़ा मुद्दा बन जाएगा? योगी आदित्यनाथ का यह बयान सिर्फ एक राजनीतिक टिप्पणी नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाता है।

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